रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
शहरों की तर्ज पर गांवों में भी स्वच्छता व पर्यावरण सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रत्येक जिले की तीन ग्राम पंचायतों को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना सरकार ने ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश के परिपालन में की है। जिले में भी इसके तहत तीन ग्राम पंचायत को मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित करने के लिए अधिसूचित किया गया है। इनमें अभनपुर, धरसींवा, आरंग जनपत पंचायत को चुना गया है, जिसमें अभनपुर से पलौद, धरसींवा से पथरी, आरंग से वनचौरादा गांव को चि-ांकित किया गया है, जो एक मई, 2019 से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक प्रबंधन नियम को लागू किया जाएगा।
अधिसूचना भी जारी कर दी है
जिले के तीन ब्लॉक की एक-एक ग्राम पंचायत को मॉडल ग्राम पंचायत बनाया जाएगा। इन पंचायतों में छह माह के भीतर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश पर राज्य सरकार सभी जिले के तीन ग्राम पंचायतों को मॉडल पंचायत के रूप में विकसित करेगी। यहां कचरा प्रबंधन, पालीथिन तथा प्लास्टिक के उपयोग पर नियंत्रण रहेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस आशय की अधिसूचना भी जारी कर दी है।
स्वच्छता व पर्यावरण सुरक्षा पर जोर
इन गांवों में ठोस और तरल कचरे को अलग-अलग कर उसको खाद के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। विभाग अधिकारी की माने तो कचरे को एकत्र कर उसे रि-साइकिलिंग की जाएगी और अपशिष्ट को खाद बनाई जाएगी, ताकि कचरे के संग्रहण से गांवों में स्वच्छता आ सके और उसका उपयोग खाद के रूप में भी हो सके। इसके अलावा प्लास्टिक प्रबंधन भी किया जाएगा। इन मॉडल पंचायतों में पॉलीथिन की न्यूनतम मोटाई 50 माईक्रान का ही उपयोग किया जाएगा। ज्यादातर गांव व शहरों में 40 माईक्रान पॉलीथिन का उपयोग किया जाता है।
गांव में पॉलीथिन का उपयोग बढ़ा
ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्लास्टिक के डिब्बे, पालीथिन का उपयोग बढ़ा है। डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों की खरीदी-बिक्री से अब गांवों में भी जगह-जगह प्लास्टिक के डिब्बे, पानी पाउच और अन्य सामान की पॉलीथिन जगह-जगह बिखरी मिलती हैं, जो बहकर जल स्रोत और खेतों में भी पहुंच रही हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित हो रही है। तीन पंचायतों को मॉडल पंचायत के रूप में विकसित किए जाने के बाद इसके नतीजे अच्छा आने पर अन्य गांवों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।