Paryushan 2021: सत्य से महान, संसार में कोई धर्म नहीं
Paryushan 2021: नियम से सत्य बोलना कठिन है, प्रारंभ में यह और भी कठिन लगता है। मगर, सत्य के साथ जीना मुश्किल नहीं है।
By Shashank.bajpai
Edited By: Shashank.bajpai
Publish Date: Wed, 15 Sep 2021 06:36:00 AM (IST)
Updated Date: Wed, 15 Sep 2021 06:36:59 AM (IST)
फाफाडीह दिगंबर जैन मंदिर में शांतिधारा पूजन करतेरायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Paryushan 2021: फाफाडीह, सन्मति नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में मंगलवार को पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म की आराधना की गई। शांतिधारा का सौभाग्य निर्मल कुमार, अंकित, अंकुर, चिराग छाबड़ा परिवार को प्राप्त हुआ। इस मौके पर ब्रह्मचारी चक्रेश भैया ने उत्तम सत्य धर्म पर प्रवचन देते हुए कहा कि सत्य से महान संसार में कोई धर्म नहीं होता। यदि कल्पना की जाए कि सत्य बड़ा है या शास्त्र।
शास्त्र को जो बड़प्पन है, वह सत्य से ही मिला है। यदि इसमें से सत्य निकाल दिया जाए तो शास्त्र की कोई कीमत नहीं रह जाएगी, इसलिए बड़ा तो सत्य ही है। यदि जगत में कोई व्यक्ति सत्य बोलने वाला है तो दुनिया उस पर विश्वास करती है।
सत्य की राह पर चलें
राजा हरिश्चंद्र को केवल सत्य के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्धि प्राप्त हुई है। जो सच बोलता है, उसे लोग हरिश्चंद्र के नाम से पुकारते हैं। यद्यपि वर्तमान के इस दौर में यह बहुत कठिन है। इसके लिए कई बार कीमत भी चुकानी पड़ती है। मगर, आज संसार में समझदार उसे समझा जाता है, जो कुशलता से झूठ बोल सके। कुशलता से अपने झूठ को सत्य सिद्ध कर सके।
ऐसी स्थिति में यदि सत्यवादी बन जाओगे तो दुनिया तुम्हें नासमझ कहेगी। इस संसार में समझदार उसी को समझा जाता है जो व्यक्ति झूठ बोलना सीख जाता है। नियम से सत्य बोलना कठिन है, प्रारंभ में यह और भी कठिन हो जाता है। एक बार सत्य बोलना शुरू कर दें, इससे आपकी प्रसिद्धि हो जाए तो सत्य के साथ जीना मुश्किल नहीं रह जाता।