रायपुर। Fire In Hospital: राजधानी अस्पताल में हुए अग्निकांड मामले में जांच के नाम पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही लीपापोती में जुटे हैं। एक तरफ तो कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल की अध्यक्षता में जांच समिति बिठाकर सभी अस्पतालों के ऑडिट की बात कह रहे हैं। मगर, दूसरी ओर सीएमएचओ ने सभी अस्पतालों के आडिट मामले में संभव न होने की बात कह दी है।
साथ ही खुद से अस्पतालों को अपनी खामियां विभाग को बताने के लिए पत्र लिखे जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया है। इधर, अग्निकांड को लेकर भी अब तक विभाग की जांच आगे ही नहीं बढ़ पाई है। मामले में विभागीय सूत्रों द्वारा अधिकारियों के सांठगांठ होने की वजह से जांच में लेटलतीफी की बात कही जा रही है। ऐसे में प्रशासनिक जांच टीम पर भी सवाल उठने लगे हैं कि कहीं मामले में लीपापाती कर दोषियों को बचाने की कवायद तो नहीं।
इधर, पैसे के लिए कोरोना से मृत व्यक्ति के शव रोकने और गलत बिलिंग कर राशि वसूलने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने बांठिया अस्पताल को नोटिस थमाया था। विभाग ने बताया कि इलाज के दौरान भर्ती मरीज के स्वजनों से अस्पताल 6.50 लाख रुपये ले चुका था। उसकी मृत्य के बाद 70 हजार रुपये बकाया होने की बात करते हुए शव को अस्पताल द्वारा रोका गया था। दोषी पाते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का लाइसेंस 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है।
वहीं, मोवा स्थिति श्री बालाजी अस्पताल ने ऑनलाइन पोर्टल पर कोरोना मरीजों के लिए 23 ऑक्सीजन बिस्तर खाली होने की बात कही थी। जबकि पीड़ितों द्वारा फोन करने पर बिस्तर खाली नहीं होने बताया गया। हेरीटेज अस्पताल द्वारा आनलाइन पोर्टल में 25 ऑक्सीजन बिस्तर खाली होने की जानकारी दी थी। जबकि काल करने पर अस्पताल प्रबंधन इससे मुकर गया।
इसकी शिकायत पर विभाग ने अस्पताल को नोटिस दिया था। जिस पर दोनों अस्पतालों ने तकनीकी और व्यवहारिक त्रुटि बताते हुए माफी मांगी है। जिसपर स्वास्थ्य विभाग द्वारा समझाइश दी गई है। अधिकारियों ने बताया प्राइवेट अस्पतालों में इलाज में लापरवाही, अधिक बिल को लेकर शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
92 कोविड अस्पतालों को जल्दबाजी में अनुमति अब जांच के नाम पर खानापूर्ति
कोरोना की स्थिति को देखते हुए विभाग द्वारा बिना जांच के ही अधिकांश प्राइवेट कोविड अस्पतालों के संचालन की अनुमति दे दी गई थी। लेकिन इलाज में लापरवाही, पैसे की अधिक वसूली और अन्य कई अनियमितता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने टीम तो बनाई है। यह भी नाम का ही बनकर रह गया है। जांच नहीं होने की वजह से इन अस्पतालों को सह मिल रहा है। बता दें जिले में करीब 92 प्राइवेट कोविड अस्पतालों को इलाज की अनुमति दी गई है।
जिले की स्थिति पर एक नज़र
290 प्राइवेट अस्पताल हैं राजधानी में
400 से अधिक क्लीनिकों का संचालन
92 प्राइवेट अस्पतालों को कोविड इलाज की मान्यता वर्तमान में
फायर ऑडिट का दिया निर्देश
अस्पताल में आगजनी की घटना के बाद अन्य अस्पतालों में फायर आडिट के लिए निर्देश दिया जा चुका है। राजधानी अस्पताल के मामले में सीएमएचओ के अंतर्गत जांच कमेटी बिठाई गई है। कमेटी जांच कर रही है। इसके बाद कार्रवाई तय की जाएगी।
- डा. एस भारतीदासन, कलेक्टर, रायपुर
रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा
राजधानी अस्पताल मामले में जांच चल रही है। रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा। जहां तक बात है अन्य कार्रवाई की तो शिकायत मिलने पर संबंधित अस्पताल से जवाब मांगा जाता है। साथ ही दोषी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई भी कर रहे हैं।
-डाक्टर मीरा बघेल, सीएमएचओ, जिला-रायपुर