T. S. Singh Deo Resignation: रायपुर, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से शनिवार की शाम को त्यागपत्र दे दिया है। बाकी विभागों की जिम्मेदारी अभी वे संभालते रहेंगे। प्रदेश में कांग्रेस का 15 वर्षों का वनवास समाप्त कराने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सिंहदेव के इस कदम ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
पंचायत विभाग छोड़ने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पन्नों का पत्र लिखा है। इसमें उनकी उपेक्षा और अपमान का दर्द छलका है। विभागीय मंत्री होने के बावजूद बिना सहमति और अनुमोदन के निर्णय लेने की परिपाटी से मर्माहत सिंहदेव के सब्र का बांध तब टूट गया जब पेसा कानून के प्रविधानों को भी उनसे पूछे बिना बदल दिया गया।
सिंहदेव के पंचायत विभाग से त्यागपत्र की खबर से प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई है। अंबिकापुर स्थित उनके निवास 'तपस्या' में बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई। पंचायत एवं ग्रामीण विकास छोड़ने के बाद सिंहदेव के पास अब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग शेष हैं।
नईदुनिया के अंबिकापुर प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए सिंहदेव ने कहा कि कल रात ही मैंने निर्णय ले लिया था, सुबह होने का इंतजार कर रहा था। बहुत सोच विचार किया। मेरे लिए यह निर्णय छोटा नहीं था। कई बातों पर विचार कर मैंने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के दायित्व से त्यागपत्र देना ही उचित समझा है। मैं अपना इस्तीफा लिखित में भेज रहा हूं।
उन्होंने कहा कि सचिवालय से सीधे कार्य स्वीकृत हो रहे हैं। निर्णय लिए जा रहे हैं। ऐसे में मेरा इस विभाग से अलग हो जाना ही उचित है। लगभग दो माह से मनरेगा के कर्मचारी हड़ताल पर थे। 21 सहायक परियोजना अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। इसमें भी मुझसे कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
दो दिन से अंबिकापुर में हैं सिंहदेव
सिंहदेव दो दिन से अपने गृहक्षेत्र अंबिकापुर में हैं। स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न् कार्यक्रमों में शामिल भी हो रहे हैं। बता दें कि उनके गृहक्षेत्र में भी जिला प्रशासन और कांग्रेस के एक दूसरे गुट के पदाधिकारियों द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे थे।
सिंहदेव को नीचा दिखाने का प्रयास भी किया जाता रहा है। उनके समर्थकों पर भी कई तरह की प्रशासनिक कार्रवाई भी हो रही थी। इन सब बातों से सिंहदेव अपनी सरकार से नाराज चल रहे हैं। सभी बातें खुलकर सामने नहीं आई हैं पर उनके इस्तीफे को इन बातों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
पढ़िये टीएस सिहंदेव का लिखा त्यागपत्र-