रायपुर। Raipur Google Girl Anika Jain: अचानक कोई आप से पूछ ले कि क्या आपको पता है विश्व में कितने देश हैं या उनके राजधानी का नाम जानते हैं? शायद हम में से अधिकांश लोग ऐसे हैं जिनको कई देशों के नाम तक पता नहीं होंगे, तो फिर उनकी राजधानी का नाम तो दूर की बात है। वहीं, रायपुर में रहने वाली दो वर्ष 10 महीने की अनिका जैन विश्व के 51 देशों के नाम और उनके राजधानी को न सिर्फ बखूबी जानती है, बल्कि दो मिनट से भी कम समय में फटाफट बता भी देती है।
जिस उम्र में बच्चों में समझदारी विकसित होती है, उस उम्र में रायपुर सुंदरनगर की अनिका जैन ने उम्र की सीमाओं को मात देकर एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है। जिस उम्र में बच्चे पढ़ना सीखते हैं, उस उम्र में अनिका ने अपना नाम इंटरनेशल बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करा लिया है।
दो वर्ष, 10 महीने और 10 दिन की अनिका ने मात्र एक मिनट और 35 सेकेंड में एशिया महाद्वीप के 51 देशों की राजधानी के नाम बताकर यह उलब्धि हासिल की है। इससे पहले भी अनिका का नाम एशिया बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। तब एक वर्ष और नौ महीने की आयु में अनिका ने 37 सेकेंड में एशिया महाद्वीप के 28 देशों की राजधानी को बताया था।
चीन, जापान, श्रीलंका, सऊदी अरब, ईरान, इराक, मलेशिया, फिलीपींस जैसे देशों की राजधानी के कठिन नाम अनिका को याद है। अनिका को भारत के हर राज्य का नाम और राज्य की राजधानी का नाम मुंह जुबानी याद है। जब भी पूछों बच्ची एक सुर में सबके नाम बताने में माहिर हैं।
34 महीने की बच्ची को भला क्या-क्या याद हो सकता है, माता-पिता व रिश्तेदारों के नाम, कोई कविता या फिर कोई गीत, लेकिन कुछ बच्चे अपनी उम्र से ज्यादा ही प्रतिभावन होते हैं। ऐसे ही ज्ञानी बच्चों में एक नाम है रायपुर की अनिका जैन।
अनिका को भारत के सभी राज्यों की राजधानी, एशिया के साथ दूसरे देशों की राजधानी, विश्व के ऊंचे पर्वत, नदी, स्थान और प्रमुख हस्तियों के नाम मुंह-जुबानी याद है। वहीं राम आएंगे तो... गीत सहित कई भजन भी अनिका बिना देखे गा लेती है। ज्ञात हो कि इससे पहले अनिका का नाम एशिया बुक आफ रिकार्ड और इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है।
अनिका के माता अकांक्षा जैन और पिता निखिल जैन दोनों ही चार्टर्ड अकांउटेंट हैं। अकांक्षा पैरेंटिंग टीचर भी हैं, जो बच्चों के अच्छे परवरिश के बारे में भी बताती है। निखिल ने बताया कि अनिका के जन्म से पहले ही अकांक्षा बच्ची की बेहतर परवरिश के लिए रिसर्च करती थीं।
अभी तक अनिका गैजेट्स और इलेक्ट्रानिक चीजों की जरूरत नहीं है। अनिका का कभी भी मोबाइल फोन में दिलचस्पी नहीं रही। ऐसी इनडोर गतिविधियां कराई जाती है, जिससे बच्ची की स्मरण शक्ति का विकास हो। अनिका के माता-पिता दूसरे अभिभावकों को प्रेरित कर रहे हैं कि बच्चों को अच्छी शिक्षा, संस्कार देकर प्रतिभा को निखारा जा सकता है।