नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर : लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सब्जियों की आवक बुरी तरह प्रभावित होने के कारण कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर टमाटर की कीमतें थोक बाजार में 50 रुपये प्रतिकिलो और चिल्लर में 60 से 70 रुपये प्रतिकिलो चल रही हैं। यह स्थिति अगले 30 दिनों तक बनी रहने की आशंका है।
आलू, प्याज और लहसुन में थोड़ी राहत: आलू और प्याज की कीमतों में थोड़ी राहत मिली है। आलू 20रुपये प्रति किलो और प्याज 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वहीं, लहसुन भी काफी सस्ता हुआ है, जो पहले 200 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था, वह अब 70 से 80 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। यह थोड़ी राहत उन परिवारों के लिए है जो इन आवश्यक खाद्य पदार्थों का नियमित उपयोग करते हैं।
वर्तमान में रायपुर में सब्जियों की मुख्य आवक महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से होती है। बारिश के कारण इन राज्यों से आने वाले ट्रकों की संख्या में भारी कमी आई है। पहले जहां टमाटर के लगभग 20 ट्रक रायपुर पहुंचते थे, अब यह संख्या घटकर मात्र 10 से 12 ट्रक रह गई है। इसी तरह, अन्य सब्जियों के ट्रकों की संख्या भी आधी हो गई है। परिवहन लागत बढ़ने से भी सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है।
स्थानीय स्तर पर, सिमगा, राजिम, दतरेंगा और तरपोंगी, एयरपोर्ट के आसपास के किसानों द्वारा उगाई जाने वाली लौकी, करेला, भिंडी और बैगन जैसी सब्जियों के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। स्थानीय आवक कम होने और मांग अधिक होने से इन सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं।
सब्जी व्यापारियों का कहना है कि अगले 30 दिनों तक स्थिति ऐसी ही बनी रहने की संभावना है। उसके बाद, यदि मौसम सामान्य हो जाता है और स्थानीय सब्जियों की आवक बढ़ती है, तो कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद है। बारिश के चलते सब्जियां तबाह हुई हैं, जिससे कीमतों में उछाल आया है।
यह भी पढ़ें: 'कातिल' हथिनी ने ले ली 5वीं जान, सरगुजा में हाथियों के हमले में 4 लोगों की मौत, प्रशासन विफल
बारिश की वजह से सब्जियों की आवक प्रभावित हुई है, जिसके चलते सब्जियों के रेट महंगे हुए हैं। आने वाले 15-20 दिनों तक स्थिति ऐसी ही बने रहने की संभावना है। इसके बाद स्थानीय सब्जियों की आवक बढ़ने पर रेट कम होंगे।
- टी श्रीनिवास, रेड्डी, अध्यक्ष, थोक सब्जी मंडी, रायपुर