संदीप तिवारी, नईदुनिया, रायपुर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देशभर में मतांतरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके लिए विहिप ने धर्म प्रसार विभाग का गठन किया है, जो कि पहले मतांतरित लोगों का सर्वे करेगा। इसके बाद समाज प्रमुखों की मदद से उनकी घर वापसी कराई जाएगी। इसे मतांतरण मुक्त विकासखंड-जिला अभियान नाम दिया गया है।
इसी के तहत छत्तीसगढ़ में लोगों को जागरुक करने और घर वापसी के लिए विशेष अभियान चलाने के लिए पहले चरण में सात जिलों का चयन किया गया है। यहां मतांतरितों के घर वापसी के लिए विहिप की समाज प्रमुखों, हिंदू संगठनों के साथ धार्मिंक स्थलों पर बैठक होगी।
हर मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ होगा। इस दौरान जल संरक्षण, गाय संवर्धन, लोभ देकर हिंदू विरोधी गतिविधियां चलाने वालों की पहचान करने की रणनीति बनेगी। संगोष्ठियां, प्रभात फेरी, यज्ञ, सामूहिक भोज भी होंगे।
विश्व हिंदू परिषद के छत्तीसगढ़ प्रांत कार्याध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा ने बताया कि मतांतरित परिवारों का छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी सर्वे करने के लिए धर्म प्रसार विभाग ने काम शुरू कर दिया है। ईसाई बने हिंदुओं और मुस्लिम बने लोगों की घर वापसी का कार्यक्रम पहले से ही चल रहा है, मगर अब अभियान में तेजी लाने की तैयारी है।
सर्वे: सबसे पहले हिंदू से अन्य धर्मों में मतांतरित लोगों की जानकारी जुटाएंगे। इसके कारणों का भी पता लगया जाएगा। छत्तीसगढ़ के वनांचलों से लेकर मैदानी इलाकों तक सर्वे चल रहा है। इसमें ऐसे लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है जो कि किसी लालच में आकर मतांतरित हो चुके हैं। सर्वे कार्य पूरा होते ही अगले सबसे पहले बस्तर के कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड से मतांतरण मुक्त अभियान के तहत मतांतरित लोगों को मुख्य धारा में लाया जाएगा।
नियोजन: सर्वे के बाद विहिप के कार्यकर्ताओं का नियोजन करेगा। अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा।
प्रशिक्षण: मतांतरित हिंदुओं की घर वापसी के लिए उनसे विभिन्न माध्यमों से संपर्क किया जाएगा। इसके लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे।
कठोर कानून: घर वापसी के बाद इस तरह की स्थिति निर्मित न हो इसके लिए विहिप सरकार से मतांतरण के खिलाफ कठोर कानून लाने की मांग करेगा। विहिप की मांग है कि मतांतरित हिंदू हैं, उनको हिंदू होने के नाते जो भी सुविधा मिलती है, वह मतांतरित होने के बाद नहीं मिलनी चाहिए।