रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए हिंदुओं को संगठित करके देश-विदेश में जागरूकता अभियान चलाना हमारा उद्देश्य है। सालों से हिंदू धर्म की अस्मिता के लिए कार्य किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा। देश-विदेश में 5703 केंद्रों के माध्यम से हिंदू हित में कार्य किया जा रहा है। यह कहना है विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का। वे वीआईपी रोड स्थित रामस्वरूप निरंजनदास धर्मशाला में शुरू हुई बैठक में शामिल हुए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रमेश मोदी एवं प्रांत सेवा प्रमुख मनोज कोठारी, प्रदेश अध्यक्ष संतोष गोलछा, प्रांत मंत्री विभूतिशरण पांडे विशेष रूप से मौजूद थे।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 12 क्षेत्र और 44 प्रांत के माध्यम से संस्कार और सशक्त हिंदू समाज बनाने के उद्देश्यों से कार्य किया जा रहा है। देश-विदेश के हिंदुओं से संपर्क रखना, हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए उन्हें संगठित करना और सहायता करना विहिप का मुख्य कार्य है। परिषद की साल में दो वार्षिक बैठकें दिसंबर और जून में होती हैं। छत्तीसगढ़ सहित देशविदेश में विश्व हिंदू परिषद कुल 5703 सेवा कार्य सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में 84 छात्रावास, 695 विद्यालय, 200 बालवाड़ी एवं 743 अन्य शिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
इसके अलावा 12 अस्पताल, 57 एंबुलेंसडिस्पेंसरी, 14 चिकित्सा शिविर तथा 1247 अन्य गतिविधियां संचालित हो रही हैं। स्वावलंबन के क्षेत्र में विहिप की तरफ से 127 सिलाई केंद्र , 46 कम्प्यूटर केंद्र, 13 कौशल विकास, 88 महिला स्वयं सहायता केंद्र तथा 491 अन्य उपक्रम चलाए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यों के रूप में 341 संस्कार शालाएं, 180 बाल संस्कार केंद्र, 15 वृद्धाश्रम महिलाश्रम तथा 1325 अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
विहिप के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने उन इलाकों में चल रहे सेवा कार्यों का भी जिक्र किया, जिनके संचालन के बाद नक्सलवाद और आतंकवाद लगभग खत्म हो गए। जैसे कि काशी प्रांत का चंदोली जिला का सेवा कार्य, झारखंड के करंजो में ग्राम विकास केंद्र, असम के त्रिपुरा से लगा बीमाहासाओ में आनंद बाजार का संचालन प्रमुख है। उत्तर पश्चिमी राज्यों में विहिप 84 छात्रावास, 695 विद्यालय संचालित कर रहा है।
50 हजार जरूरतमंद मरीजों को लाभ
अध्यक्ष ने कहा कि रायपुर, बिलासपुर जैसे शहरों में 12 संस्कार शालाएं, संस्कार केंद्रों की स्थापना विश्व हिंदू परिषद ने की है। इसके साथ ही प्रदेश कार्यालय में डायग्नोस्टिक अस्पताल का संचालन करता है। इस सेवा का लाभ 50 हजार जरुरतमंद मरीजों को मिलता है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की जरूरतमंद महिलाओं को 20 पावर मशीनों के माध्यम से सिलाई प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार दिलाया जा रहा है। इसके अलावा 7 से 14 उम्र के बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए कोचिंग तथा संस्कार केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। हाल ही में राजधानी में गोरोटी सेवा केंद्र की शुरूआत की गई है। एक रुपये में 25 रोटियां दी जाती हैं। ये रोटियां गली-सड़क पर घूमने वाले बेसहारा गायों को खिलाई जाती है। अब तक इसके 100 से ज्यादा सदस्य बन चुके हैं।