Vocational Education In Raipur: व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम प्रौढ़ों की रुचि और आवश्यकतानुसार हो
Vocational Education In Raipur: छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय प्रौढ़ प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला प्रारंभ।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Fri, 29 Oct 2021 04:05:00 PM (IST)
Updated Date: Fri, 29 Oct 2021 04:05:14 PM (IST)

Vocational Education In Raipur: रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्य साक्षरता मिशन के संचालक राजेश सिंह राणा ने कहा है कि असाक्षरों के लिए तैयारी की जाने वाली प्रवेशिका में उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जाए। इसमें वित्तीय संबंधी प्रक्रिया और लेनदेन की विस्तृत जानकारी के साथ ही राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं के फैक्टर को भी जोड़ा जाए।
इसके अलावा प्रवेशिका में जल संग्रहण, खेती बाड़ी एवं बाजार से संबंधित गतिविधियां और व्यावसायिक शिक्षा को असाक्षरों की रूची और आवश्यकता के अनुसार शामिल किया जाए। श्री राणा आज एससीईआरटी में आयोजित राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला में उपस्थित प्रवेशिका निर्माण करने वाले शिक्षाविदों को संबोधित कर रहे थे।
प्रवेशिका का निर्माण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जाएगा। प्रवेशिका शिक्षा के क्षेत्र में विशेष दक्षता रखने वाले राज्य भर के शिक्षाविदों की टीम द्वारा तैयार की जाएगी। राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण की कार्यशाला का यह तृतीय चरण है। इसके पहले एवं दूसरे चरण में किये गए कार्य पर विश्लेषण कर मूर्त रूप दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पहली बार प्रौढ़ों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रौढ़ शिक्षा शामिल किया गया है। जिसको पूर्ण करने न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के तहत संचालित किया जाएगा जिसके लिए प्रवेशिका निर्माण की जिम्मेदारी राज्य को दिया गया है। जिस पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ ने तत्परता दिखाते हुए कार्य शुरू कर दिया है।
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पांडेय ने कहा हमने साक्षरता की प्रवेशिका पहले भी बनाई है। अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौढ़ असाक्षरों के लिए प्रवेशिका तैयार करना है। इसे शिक्षाशास्त्री की टीम तैयार कर रही हैं। प्रवेशिका पांचों संभागों की आवश्यकता का आंकलन और समझ के आधार पर तैयार की जा रही है। प्रवेशिका एन.सी.एफ. के 13 थीम्स के आधार पर तैयार हो रही है। इस कार्यक्रम को दिसम्बर तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
एससीएल प्रकोष्ठ प्रभारी प्रीति सिंह ने कहा हमने पिछले कार्यशाला में चैप्टर बना लिए हैं। पाठ्यक्रम असाक्षरों की आवश्यकता के अनुरूप तैयार करने की रणनीति बनाई गई है। जिला परियोजना अधिकारी कोरिया यूके जायसवाल ने कहा हमें हमारी सोच और प्रौढ़ असाक्षरों के सोच में अंतर पाया जाएगा।
हमें आगामी दिनों में बदलती हुई परिस्थिति की अनुरूप उनकी आवश्यकता के अनुरूप प्रवेशिका तैयार करने चाहिए। इसके बाद महानदी, अरपा, इंद्रावती, शिवनाथ के सभी शिक्षाविदों को पहले से बनाये गए प्रवेशिका को आवश्यकतानुसार सुधार करने दिया गया। तत्पश्चात सभी चारों समूहों के दुर्गा सिन्हा, सीमांचल त्रिपाठी, पुष्पा सिंह एवं अमित अवस्थी ने ग्रुप कार्य प्रस्तुत किया।