रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रविवार चार जुलाई को ई-मंच के लाइव टॉक शो में बहुमुखी प्रतिभा की धनी अमृता तिवारी जी के साथ ई-मंच फाउंडेशन के संस्थापक सीए मदन मोहन उपाध्याय के साथ ऑनलाइन चर्चा हुई। अमृता तिवारी ने बताया कि वे एक आर्टिस्ट होने के साथ-साथ डिजाइनर और मेंटर भी हैं। उन्होंने ड्राइंग, स्केचिंग, पेंटिंग, आर्ट थेरेपी फॉर मेंटल, मास्टरिंग द ह्यूमन फिगर आदि में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से विभिन्न सर्टिफिकेट कोर्स किए हैं।
अमृता तिवारी ने कहा की वे जब वे नौकरी करती थीं, तो पैसे जरूर ज्यादा मिलते थे, लेकिन सुकून अब ज्यादा है। उन्होंने बताया कि वे ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग एडवेंचर क्लब की सदस्या भी हैं। इसके अलावा 14,640 फीट की ऊंचाई पर स्थित "तपोवन पर्वत" (भागीरथी 3 की तलहटी) की दो बार ट्रैकिंग भी कर चुकी हैं।
चर्चा के दौरान अमृता ने बताया कि उनका उद्देश्य अब सिर्फ पैसे कमाना नहीं है। पेंटिंग करके वह नहीं चाहती हैं कि उनकी कलाकृतियां बाजार में बेची जाएं। उन्हें अपनी कलाकृतियों को एग्जीबिशन में लगाने में ज्यादा रूचि होती है, ताकि कला को पहचान और कलाकार को सम्मान मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि आप अपने जुनून को अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं, तो इसमें आपके परिवार एवं अपनों का साथ होना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यदि आपका परिवार आपके साथ है तो आप निर्विघ्न रूप से अपनी ख्वाहिशों को पूरा कर सकते हैं। अमृता तिवारी ने बताया कि आज वो जो भी हैं, उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार का हाथ है, जिन्होंने उनका हर कदम पर साथ दिया। 10 वर्षों तक कॉरपोरेट सेक्टर में जॉब करने के बाद जब वह जॉब छोड़कर अपने जुनून/ख्वाहिशों को पूरा करने निकलीं, तो उनका परिवार उनके साथ खड़ा रहा।
इसलिए ही आज वह इस मुकाम पर पहुंच पाई हैं। अमृता अपने गुरुजनों को भी याद करते हुए कहती हैं कि आज वह कला के क्षेत्र में जो कुछ भी कर पाई है, यह निश्चित ही गुरुजनों का आशीर्वाद ही है, जिन्होंने उन्हें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी और उनके अंदर छिपे हुनर को पहचान कर उसे बाहर निकाला। हालांकि, आज वह स्वयं बच्चों को पेंटिंग की कला सिखा रही हैं।
हालांकि, इसके साथ ही अपने आपको आज भी वह एक शिक्षार्थी ही मानती हैं और वह हमेशा अपने विद्यार्थियों को गुरु शिष्य परंपरा पर कायम रहने के लिए प्रेरित करती रहती हैं। उन्होंने बताया कि वे "क्रिएटिव माइंड्स" की संस्थापिका भी हैं, जो की प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ से संबंद्ध है। क्रिएटिव माइंड्स में बिना किसी उम्र की बाधा के सभी के लिए कला, डिजाइन, शिल्प, संगीत और नृत्य पाठ्यक्रमों सहित रचनात्मकता के विभिन्न विधाओं की शिक्षा दी जाती है।