नईदुनिया प्रतिनिधि रायपुर: शहरी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रेबीज टीके की कमी है। अस्पतालों में एक डोज ही लग पा रहा है। अगर किसी को कुत्ते, बिल्ली, चूहे ने काट लिया और समय पर टीका नहीं लगाया तो रेबीज हो सकता है और उसे बचाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए समय पर रेबीज का टीका लगवाना महत्वपूर्ण है।
बता दें कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रोजाना 10 से 20 लोग रेबीज का टीका लगवाने आते हैं। वहीं जिला अस्पताल और आंबेडकर में रोजाना 100 से अधिक लोग आते हैं। पड़ताल में सामने आया कि अधिकांश अस्पतालों में रेबीज टीके की आपूर्ति जरूरत के अनुरूप नहीं हो रही है।
छोटे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीके की कमी के कारण मरीज जिला अस्पताल की ओर बढ़ रहे हैं। इससे वहां भी भीड़ बढ़ रही है और इंतजार की समस्या और गंभीर हो गई है। भाठागांव हमर अस्पताल के एक स्टाफ का कहना है कि वे पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मरीजों को कम से कम एक डोज तुरंत मिल सके। लेकिन पर्याप्त स्टाक न होने के कारण मरीजों को पूरी डोज देने में दिक्कत आ रही है। स्टाफ ने यह भी बताया कि कई बार टीके की आपूर्ति में देरी के कारण उन्हें मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजना पड़ता है।
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टीके की आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास जारी हैं। जरूरत पड़ने पर लोकल खरीदी कर तत्काल अस्पतालों को उपलब्ध करवाया जाता है।
-सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी