नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में सिंधी समाज के पंडित यश शर्मा (22) की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पंकज सिन्हा की कोर्ट ने चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी पाए गए यश खेमानी, तुषार पाहुजा, चिराग पंजवानी और तुषार पंजवानी को मजबूत साक्ष्यों और 28 गवाहों के बयान के आधार पर सजा सुनाई गई।
इस चर्चित हत्याकांड में कोर्ट ने महज छह माह में फैसला सुनाया। सजा सुनाए जाने के बाद जब आरोपियों को कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था, तब वे मीडिया पर भड़क गए अपशब्दों प्रयोग करने लगे। वहीं एक आरोपी मूंछों पर ताव देते हुआ ऐसे निकाल मानो सजा से बेपरवाह हो।
घटना 13 अक्टूबर 2024 की है। महावीर नगर निवासी चिराग पंजवानी, तुषार पाहुजा, तुषार पंजवानी और तेलीबांधा गली नंबर-4 निवासी सुशील खेमानी उर्फ यश खेमानी ने यश शर्मा को पार्टी करने के बहाने बुलाया। आरोपी यश से उसके एक दोस्त को बुलाने के लिए कह रहे थे। महिला मित्र को लेकर विवाद की वजह से वे उस दोस्त को बुलाना चाहते थे।
यश के मना करने पर आरोपियों ने उसे कार में बैठाकर मिनिरियलस कैफे के पास सुनसान जगह पर ले गए। वहां सभी ने मिलकर यश की लात-घूंसों, मुक्कों और बांस के मोटे डंडे से बेरहमी से पिटाई की। जमीन पर गिरने के बाद भी उसे पेट में कई वार किए गए, जिससे उसकी आंतें फट गईं और वह बेहोश हो गया। इसके बाद आरोपियों ने उसे वीआइपी रोड स्थित सगुन फार्म हाउस ले जाकर दो दिनों तक बंधक बनाए रखा।
फार्म हाउस में आरोपी यश को दर्दनिवारक गोलियां देने के बहाने जबरन शराब पिलाते थे। शराब और चोटों के कारण उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। 15 अक्टूबर को अधमरी हालत में आरोपियों ने यश को उसके घर के पास छोड़ दिया और फरार हो गए। इलाज के लिए एम्स में भर्ती यश ने तीन महीने के बाद दम तोड़ दिया।
चारों आरोपी रसूखदार परिवार से हैं और राजनीति से जुड़े बताए जाते हैं। गवाहों को धमकाने की भी कोशिश की गई थी। यश खेमानी के पिता को भी आरोपियों को छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
यश अपने घर का इकलौता बेटा था, जो मां और दादी के साथ रहता था। परिवार का खर्च चलाने के लिए वह सिंधी समाज में पंडिताई करता था।