राजनांदगांव(नईदुनिया प्रतिनिधि)। रायगढ़ में हुई मारपीट का मामला अब और बढ़ने लगा है। इस मामले में राजस्व अधिकारियों और अधिवक्ताओं के बीच तकरार बढ़ गई है। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजस्व अधिकारी एक दिन पहले से ही हड़ताल पर चले गए हैं, वहीं अब मंगलवार को अधिवक्ताओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर राजस्व अधिकारियों के प्रदर्शन के विरोध में आ गए हैं। राजस्व अधिकारियों ने मंगलवार रायपुर में प्रदर्शन किया, जिसमें जिलेभर के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल हुए। हड़ताल की वजह से तहसील कार्यालय में ताला लग गया है। काम-काज भी प्रभावित हो रहा है।
दूसरी ओर अधिवक्ताओं ने आवेदन देकर राजस्व प्रकरणों की पैरवी नहीं करने की बात कही है। अधिवक्ताओं ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम दिए आवेदन में राजस्व अधिकारियों द्वारा लगाए आरोपों को झूठा बताया है। रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। अधिवक्ता संघ और राजस्व अधिकारियों के एक-दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन करने से दोनों के बीच तकरार बढ़ गई है। इसके कारण आम लोगों को भटकना पड़ रहा है।
नारेबाजी कर अपर कलेक्टर को दिया ज्ञापन
मंगलवार को जिला अधिवक्ता संघ के बैनर तले वकीलों ने राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला। न्यायालय के बाहर राजस्व अधिकारियों पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने नारेबाजी की। इसके बाद अधिवक्ताओं ने अपर कलेक्टर को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, जिसमें अधिवक्ताओं ने प्रकरण पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। वहीं राजस्व अधिकारियों पर रिश्वतखोरी करने का आरोप लगाया।
इसके लिए आम लोगों को भी चक्कर लगवाया जाता है। अधिवक्ताओं ने कहा कि वकीलों को प्रताड़ित करने के लिए राजस्व तंत्र बेवजह दबाव बनाया जा रहा है। अधिवक्ता संघ इसका विरोध करेगा। संघ के उपाध्यक्ष रीता मल्ल ने कहा कि वकील और नायब तहसीलदार के साथ हुई झडप की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
प्रदेशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए राजस्व अधिकारी
इधर रायगढ़ में वकीलों द्वारा नायब तहसीलदार सहित अन्य कर्मचारियों के साथ की गई मारपीट के विरोध में राजस्व अधिकारियों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है। मंगलवार को जिलेभर के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार राजधानी रायपुर में हड़ताल किया। हड़ताल के चलते जिले के सभी तहसील कार्यालय में ताला लटक गया है। यहां आने वाले लोगों को अपने कार्यों के लिए भटकना पड़ रहा है।
मंगलवार को तहसील कार्यालय पहुंचे बघेरा के मनभावन साहू को राजस्व अधिकारियों के हड़ताल की सूचना नहीं थी। जब वो तहसील पहुंचे तो उन्हें
यहां से निराश होकर लौटना पड़ा। वो अपनी भूमि का सीमांकन कराने का आवेदन लेकर पहुंचे थे। वहीं इंदावानी के नरहर बंजारे व महतू बंजारे अपनी कृषि भूमि के बंटवारे की सुनवाई को लेकर तहसील कार्यालय पहुंचे थे, पर उन्हें भी मायूस लौटना पड़ा।