
नईदुनिया प्रतिनिधि, राजनांदगांव। जिले में शराब के अवैध भंडारण और नकली स्टीकर लगाकर बिक्री की साजिश नाकाम हो गई। 17 दिसंबर को मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ग्राम मुसराखुर्द में शीतला मंदिर के पास स्थित एक मकान पर दबिश दी और पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया।
पुलिस और साइबर सेल की टीम ने मौके पर पहुंचकर दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पकड़े गए आरोपितों ने अपना नाम बीरबल वर्मा निवासी ग्राम मुसराखुर्द और चन्द्रकांत उर्फ सोनू सेन निवासी ग्राम छीपा बताया। पूछताछ के दौरान दोनों की निशानदेही पर तीसरे आरोपी बलबीर सिंह भाटिया निवासी देवरी, महाराष्ट्र को भी गिरफ्तार किया गया। रैकेट के मास्टर माईंड बीरबल ही था।
तलाशी के दौरान मौके से 161 नग जम्मू स्पेशल व्हीस्की (28.980 बल्क लीटर) और 187 नग बाम्बे स्पेशल व्हीस्की (33.660 बल्क लीटर) बरामद की गई। शराब की बोतलों पर छत्तीसगढ़ आबकारी के नकली स्टीकर और ढक्कनों पर मध्यप्रदेश आबकारी की सील लगी पाई गई, जिससे स्पष्ट हुआ कि शराब को अवैध रूप से छत्तीसगढ़ में खपाने की पूरी तैयारी थी।
आरोपितों के पास से भारी मात्रा में नकली स्टीकर, लेबल और उपकरण जब्त किए गए हैं। आरोपित चन्द्रकांत उर्फ सोनू के कब्जे से 1860 नग नकली स्टीकर, अन्य ब्रांडों के लेबल, लोहे के औजार, कैंची और मोबाइल फोन भी बरामद किए गए।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि देवरी, महाराष्ट्र निवासी राजपाल सिंह भाटिया द्वारा शराब और नकली लेबल उपलब्ध कराए गए थे, जिन्हें बाजार में बेचने की योजना थी। हालांकि पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से बिक्री से पहले ही रैकेट पकड़ लिया गया।
प्रकरण में आरोपितों के खिलाफ धारा 34(2), 59-क आबकारी अधिनियम तथा धारा 339, 336(3), 340(2) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।