नईदुनिया न्यूज, राजनांदगांव। जिले में व्यावसायिक शिक्षा ब्रेक लगा हुआ है। व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई भगवान भरोसे हो रही है। जिले के 21 स्कूलों का चयन अलग-अलग (व्यावसायिक शिक्षा) वोकेशनल कोर्स के लिए हुआ है। प्रशिक्षण की जिम्मेदारी तीन एजेंसियों को दी गई थी। एजेंसियों ने स्कूलों में ट्रेडवार प्रशिक्षिकों की भी नियुक्ति कर दी थी। प्रशिक्षकों ने पढ़ाई भी शुरू करा दी थी। लेकिन राज्य स्तर से प्रशिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद हड़कंप मच गया।
विभागीय आदेश के बाद जिले के जिन 10 स्कूलों में प्रशिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, उन्हें अब शून्य कर दिया गया। अधूरी जांच के बीच फिर से भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बीते दिनों अलग-अलग जिलों के चयनित आवेदकों को दस्तावेज सत्यापन के लिए डा. बलदेव प्रसाद मिश्र स्कूल में बुलाया गया था। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को भी किसी तरह की जानकारी नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 1281 प्रशिक्षकों को चयनित किया गया था। जिसमें 844 प्रशिक्षकों ने कार्यभार भी संभाल लिया था। लेकिन गड़बड़ी की शिकायत मिलते ही विभागीय से नियुक्ति को शून्य कर दिया था।
प्रशिक्षकों के चयन में लगातार लेटलतीफी की जा रही है। एजेंसियां भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। जिले के 21 स्कूलों के लिए करीब 90 लाख का उपकरण भेजा गया है। लेकिन इन स्कूलों में अब तक प्रशिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। विद्यार्थी अपने रुचि अनुसार ट्रेडों का चयन तो कर लिए हैं, लेकिन अब तक प्रशिक्षण शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि विभाग ने अपने स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है। ताकि विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो।
व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को टूरिज्म एंड हास्पिटेलिटी, आटोमोटिव, अपेरल मेड अप्स एंड होम फर्निशिंग, प्लम्बिंग, कंस्ट्रक्शन एंड ईफा स्ट्रक्चर डेवलपमेंट, बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेस एंड इंश्योरेंस, इंफर्मेशन टेक्नोलाजी, हेल्थ केयर, रिटेल और ब्यूटी एंड वैलनेस व अन्य ट्रेडों में प्रशिक्षण देना है। बता दें कि राज्य स्तर से दो से तीन एजेंसी को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन विभागीय खींचतान में प्रशिक्षक स्कूल पहुंच पाए और न ही प्रशिक्षण दे पा रहे हैं।