डा.पीसी लाल की कृति 'छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति' लोकार्पित
संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय छग शासन द्वारा परिसर के सभा भवन में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Wed, 10 Feb 2021 06:40:24 AM (IST)
Updated Date: Wed, 10 Feb 2021 06:40:24 AM (IST)

गंडई (नईदुनिया न्यूज)।
संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय छग शासन द्वारा परिसर के सभा भवन में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठ में मुख्य अतिथि अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा. योगेंद्र प्रताव सिंह थे। अध्यक्षता प्रधान मुख्य वन संरक्षक छग राकेश चतुर्वेदी, रामायण परिपथ पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के डा.रामावतार शर्मा, पुरातत्वविद राष्ट्रीय संग्रहालय नईदिल्ली डा.संजीव सिंह, पूर्व प्राध्यापक डा.शोभा निगम व संचालक संस्कृति एवं पुरात्व के विवेक आचार्य ने की। संगोष्ठी में अतिथियों ने अंचल नामी साहित्यकार व संस्कृतत्यकर्मी डा. पीसी लाल यादव की कृति 'छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति' का लोकार्पण किया। संगोष्ठी में अतिथियों ने डा. पीसी लाल यादव को उनकी पुस्तक 'छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति' के लिए शुभकामनाएं दी। बता दें कि उक्त पुस्तक संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित हुई है।
शोध संगोष्ठी में डा.पीसी लाल यादव ने 'छत्तीसगढ़ में रामः मूर्त और अमूर्त स्वरूप- गंडई क्षेत्र के संदर्भ में' विषय पर अपना शोध-पत्र प्रस्तुत कर गंडई अंचल की कला, संस्कृति व पुरातत्व से उपस्थित लोगों को परिचित कराया। इसमें सुरही नदी के उद्गम से लेकर संगम तक स्थित अनेक पुरातात्विक स्थलों के साथ मुख्य रूप से प्राचीन शिव मंदिर घटियारी व भांड़ देऊर मंदिर गंडई में उत्कीर्ण राम कथा प्रसंगों की उन्होंने विशेष चर्चा की। छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य के अंतर्गत लोकगीतों व लोक गाथाओं में वर्णित राम कथा प्रसंगों पर भी प्रकाश डाला। देश भर से आए साहित्यकारों व पुरातत्वविदों ने गंडई अंचल के पुरातत्व और कला की जानकारी प्राप्त कर प्रसन्नाता व्यक्त करते हुए डा.पीसी लाल यादव की प्रयासों की सराहना की।