
नईदुनिया प्रतिनिधि, खैरागढ़: साइबर अपराध के खिलाफ खैरागढ़ पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 50 करोड़ रुपये के ऑनलाइन ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गैंग मुंबई के डोम्बिवली और कल्याण क्षेत्र से संचालित हो रहा था, जो सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के जरिए देशभर के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था।
पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 05 लैपटॉप, 14 एंड्रॉइड फोन, 51 बैंक पासबुक, 51 एटीएम कार्ड, 15 चेकबुक और 25 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने 100 से अधिक फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड का उपयोग करते हुए लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक का ऑनलाइन लेनदेन किया।
गिरोह '100 बुक' नामक गेमिंग-बेटिंग ऐप का संचालन कर लोगों को लालच देकर ठगता था। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आकर्षक विज्ञापनों और ऑफर्स के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते थे।
गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक छात्रा ने इंस्टाग्राम पर 'चिकनकारी साड़ी' के फर्जी विज्ञापन के जरिए ठगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तकनीकी जांच के माध्यम से आईपी एड्रेस, मोबाइल नंबर और बैंक खातों का विश्लेषण कर गिरोह तक पहुंच बनाई।
पुलिस महानिरीक्षक रेंज राजनांदगांव और पुलिस अधीक्षक खैरागढ़ के निर्देशन में गठित विशेष साइबर सेल टीम ने सात दिनों तक मुंबई में कैंप कर लगातार रैकी और तकनीकी निगरानी की। इसके बाद डोम्बिवली के दो फ्लैटों पर छापेमारी कर गिरोह के आठों सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार सभी आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर खैरागढ़ लाया गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ संगठित अपराध एवं गेम्बलिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की विवेचना शुरू कर दी है। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
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खैरागढ़ पुलिस की यह कार्रवाई राज्य में साइबर अपराध के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और सफल कार्रवाई मानी जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार के ऑनलाइन ऑफर, गेमिंग या निवेश स्कीम में बिना सत्यापन के अपनी निजी या बैंक जानकारी साझा न करें।