राजनांदगांव। सांसारिक मोह-माया त्याग मुमुक्षु मयंक लोढ़ा संयम के मार्ग में चलेंगे। मुमुक्षु मयंक लोढ़ा ने कहा कि साधु जीवन एकमात्र ऐसा मार्ग है जिस पर चलकर स्वयं का आत्म कल्याण किया जा सकता है। बुधवार को जैन बगीचे के ज्ञान वल्लभ उपाश्रय भवन में संयम सौंदर्य महोत्सव के पहले दिन पत्रकारों से रूबरू होते हुए मुमुक्षु मयंक लोढ़ा ने कहा कि दो दिसंबर को संयम जीवन वहन करने जा रहे हैं।
आचार्य महेंद्र सागर द्वारा उन्हें दीक्षा दी जाएगी। दीक्षा महोत्सव का आयोजन राजस्थान के जयपुर के मालपुरा में होगा। उन्होंने कहा कि संयम जीवन ऐसा जीवन है जो आत्म कल्याण का मार्ग है। हम जो जीवन जी रहे हैं वह सच्चा जीवन नहीं हैं बल्कि संयम जीवन ही सच्चा जीवन है। उन्होंने कहा कि हम धन संग्रह किसके लिए कर रहे हैं। इसे तो हमें यही छोड़कर जाना है। उन्होंने कहा कि अंतरात्मा की जो सकती है उसे प्रकट करने के लिए गुरु की दीक्षा आवश्यक है। मुमुक्षु ने कहा कि मानव अपने जीवन में अनेक झूठ बोलता है। धन संग्रह की तृष्णा बढ़ती ही जाती है। संत समाज इन सब से दूर आत्म कल्याण के मार्ग पर लगा रहता है और समाज को भी पथ प्रदर्शन करता है।
सद्गुरु के चरणों में जीवन न्योछावर करने का अवसर
पार्श्वनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी एवं सकल जैन श्री संघ के अध्यक्ष तथा पूर्व महापौर नरेश डाकलिया ने कहा कि सद्गुरु के चरणों में जीवन न्योछावर करने का अवसर आ रहा है। मयंक लोढ़ा संयम जीवन के रास्ते में चलने जा रहे हैं। कई जन्मों का पुण्य उदय होता है तब ऐसा संयोग बनता है। परमात्मा एवं गुरुओं ने जो मार्ग बताया है वह संयम का मार्ग है। इसके जरिए व्यक्ति आत्म कल्याण के मार्ग पर बढ़ता है। मयंक भी इस राह पर चलकर यश, सम्मान और आत्मिक सुख प्राप्त करें ,यह वे परमात्मा से कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि मयंक आत्म कल्याण के मार्ग पर निरंतर बढ़ता जाए यही उनकी कामना है।
संयम जीवन में सुख ही सुख
मयंक के पिता संतोष लोढ़ा एवं माता ललिता लोढ़ा ने कहा कि उनका पुत्र संयम के मार्ग पर बढ़ रहा है और यह आत्म कल्याण का मार्ग है, अच्छा व सच्चा मार्ग है। संसार में दुखी दुख है किंतु संयम जीवन में सुख ही सुख है। पुत्र यदि सन्यास जीवन ग्रहण करता है तो माता-पिता को दुख जरूर होता है। लेकिन यह भी सत्य है कि वह पुत्र संयम के मार्ग पर बढ़ते हुए न केवल स्वयं का आत्म कल्याण करता है बल्कि समाज को भी दिशा देता है। इस दौरान जैन श्वेतांबर पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी राजेंद्र कोटडिया, मुमुक्षु मयंक के बड़े भाई रितेश लोढ़ा, आकाश चोपड़ा मौजूद रहे।