
नईदुनिया प्रतिनिधि, राजनांदगांव: पीएम फसल बीमा योजना के तहत विकासखंड छुरिया के ग्राम आमगांव में हुए लाखों के फर्जीवाड़े के मामले में ब्लॉक कोऑर्डनिटेर और सीएससी ऑपरेटर के खिलाफ छुरिया पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। केले और सब्जी की खेती वाली कृषि भूमि को चना फसल बताकर बीमा कराए जाने और 23 लाख 28 हजार 944 रुपये की बीमा राशि गबन किए जाने के मामले में दोनों को विभागीय जांच में दोषी माना गया है।
यह कार्रवाई कृषि विभाग राजनांदगांव के उप संचालक के पत्र के आधार पर प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी छुरिया द्वारा थाना छुरिया को लिखित रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद की गई है। जांच में भारतीय कृषि बीमा कंपनी के ब्लॉक कोआर्डिनेटर अमित वर्मा और सीएससी संचालक परमेश्वर साहू की संलिप्तता प्रमाणित हुई है। इन दोनों ने ही मिलकर यह पूरा षड्यंत्र रचा और लाखों की हेराफेरी कर दी।
तहसीलदार छुरिया की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने पाया कि न तो चना फसल बोई गई थी और न ही फसल कटाई या पंचनामा किया गया। इसके बावजूद फर्जी दस्तावेज तैयार कर बीमा पोर्टल पर अपलोड किए गए। प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट में बीएनएस की धारा 316(5), 318(4), 336(2), 336(3), 338, 340(2) और 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। फर्जी फसल बीमा के इस मामले ने सरकारी योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस विवेचना के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।
शिकायत पूर्व विधायक छन्नी साहू द्वारा की गई थी, जिसमें बताया गया था कि ग्राम आमगांव में रैलिस बायो एनर्जी प्रा.लि. के भागीदारों के नाम दर्ज 34 खसरों में 50 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पिछले दो वर्षों से केले और सब्जी की खेती हो रही है। इसके बावजूद रबी वर्ष 2024-25 में चना फसल दर्शाकर फसल बीमा कराया गया।
जांच के अनुसार 31 दिसंबर 2024 से 10 अगस्त 2025 के बीच फर्जी तरीके से कुल 23.28 लाख रुपये की बीमा राशि आहरित कराई गई। यह राशि परमेश्वर साहू, गंगेश्वरी साहू और रुखमणी कंवर के बैंक खातों में डाली गई। जांच में गंगेश्वरी साहू और रुखमणी कंवर की सक्रिय संलिप्तता नहीं पाई गई, जबकि पूरी प्रक्रिया अमित वर्मा और परमेश्वर साहू द्वारा संचालित की गई।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक में भी इस प्रकरण को गंभीर मानते हुए दोनों आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का निर्णय लिया गया। संचालनालय कृषि रायपुर और उप संचालक कृषि राजनांदगांव ने तत्काल एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।