राजनांदगांव (ब्यूरो)। रकम दोगुनी करने, कम कीमत में फ्लैट व प्लाट दिलाने और इसी तरह के लुभावने सपने दिखाकर लोगों को लूटने वाली चिटफंड कंपनियां पुलिस की सख्ती के बाद भी बेखौफ होकर कारोबार कर रहीं हैं। वी रियल एस्टेट, कुसुम कंट्रक्शन, अनमोल इंडिया, सांई प्रकाश और फाइन इंडिया जैसी कंपनियों के बाद सबसे पुराने यालको ग्रुप के खिलाफ पुलिस तक शिकायत पहुंची है। इसके पहले शिकायत के बाद जांच के दायरे में आई कंपनियां लोगों की गाढ़ी कमाई के अरबों रुपए दबाकर बैठ चुकीं हैं। मामला कोर्ट में है और निवेशक रुपए वापस पाने भटक रहे हैं।
ताजा मामला शहर की सबसे पुरानी निवेशक व बीमा कारोबार करने वाली कंपनी यालको ग्रुप के खिलाफ आया है। रियल एस्टेट से भी जुड़ी इस कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोला है। यालको बजाज एलायंज का कार्पोरेट एजेंसी था। हालांकि अब यह समूह बीमा कारोबार से दूर हो चुका है। लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि बीमा योजना को दूसरी स्कीम बताकर राशि वसूली गई। प्रीमियम राशि बाद में जमा नहीं होने के कारण पालिसी रद्द हो गई और यही कारण है कि ग्रामीण खुद ठगा महसुूस कर रहे हैं। मामला पुलिस के पास है। सीएसपी मोहन दुबे ने बताया कि अभी शिकायत की प्रति उनके पास नहीं पहुंची है। लोगों के साथ गलत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पहले शिकायत की जांच की जाएगी। गड़बड़ी पायी गई तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
सेबी के पास लंबित
फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद पुलिस ने ऐसी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ अभियान छेड़ा था। दस्तावेजों की जांच में कई तरह की खामियां पाई गई। फिर उनकी मान्यता और वैधानिकता की जांच के लिए उनके दस्तावेजों को सेबी के पास भेजा गया। इनमें से वी ग्रुप की रिपोर्ट आई है जो सेबी के नियमों के खिलाफ है।
अफसर-कर्मचारी फरार
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई से सहमे इसी कंपनियों के अफसर और कर्मचारी चंपत हो गए हैं। कई कंपनियों के दफ्तर में ताले लटक गए हैं, जबकि कई कंपनियां अदालत के फैसले का इंतजार करने के बहाने निवेशकों के रुपए नहीं लौटा रही है। वी ग्रुप के डायरेक्टर कमलेश वर्मा पर कई मामले दर्ज किए गए हैं। वे महीनों से फरार चल रहे हैं।
समूह ने दी सफाई
यालको की ओर से सीईओ एम. किरण देवांगन ने सफाई दी है कि उनकी कंपनी ने कार्पोरेट एजेंट के रूप में जरूर बीमा का काम किया है, लेकिन कोई अनर्गल जानकारी देकर किसी का बीमा नहीं किया गया। फिक्स डिपाजिट जैसी कोई स्कीम भी नहीं थी। उनका कहना है कि कुछ लोग लालच में आकर मनगढ़त तथ्यों के आधार पर मिथ्या शिकायत कर रहे हैं। इससे कंपनी का कोई वास्ता नहीं है।
हमारा रोल नहीं
यालको ग्रुप पहले कार्पोरेट एजेंसी जरूर थी, लेकिन कुछ सालों से उसने काम बंद कर दिया है। वैसे भी वह रायपुर और भिलाई आफिस से जुड़ा था। ताजा मामले में हमारी कंपनी का कोई रोल नहीं है।
संजय पांडेय, ब्रांच मैनेजर, बजाज एलायंज
इसके पहले शिकायत
1. वी रियल एस्टेट कंपनी
2. कुसुम सिटी (कंट्रक्शन)
3. अनमोल इंडिया
4. सांई प्रकाश
5. फाइन इंडिया
6. सनसाइन लिमिटेड