राजनांदगांव । साहित्य मर्मज्ञ डा बल्देव प्रसाद मिश्र की 123 वी जयंती पर कान्य कुब्ज सभा और साहित्य परिषद ने पुष्पाजंली कार्यक्रम आयोजित कर उन्हे नमन किया। इस अवसर पर साहित्यकारों का सम्मान किया गया। दिग्विजय कालेज स्थित त्रिवेणी परिसर मे साहित्य परिषद एवं कान्य कुब्ज सभा ने साहित्य मर्मज्ञ डा. बलदेव प्रसाद मिश्र के 123वी जयंती मनाई और पूष्पाजंली अर्पित कर उन्हे नमन किया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं छत्रपति शिवाजी आफ टेक्नोलांजी महाविद्यालय दुर्ग के प्रध्यापक डा चन्द्रशेखर शर्मा का सम्मान शाल श्रीफल भेट कर किया गया ।
पुष्पाजंली कार्यक्रम मे वक्ताओ ने साहित्यकार डा बल्देव प्रसाद मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हे आत्मसात करने पर बल दिया। इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर डा आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि डा. मिश्र भारत के ऐसे प्रथम शोधकर्ता थे, जिन्होंने अंग्रेजी शासन काल में अंग्रेजी के बदले हिंदी में अपना शोध प्रबंध प्रस्तुत कर डी. लिट की उपाधि प्राप्त किया। उन्होने बताया कि डा मिश्र की 85 से अधिक साहित्य कृतिया है जो लोगो को प्रेरणा देती है ।
इस अवसर पर बोलते हुए छत्रपति शिवाजी आफ टेक्नोलांजी महाविद्यालय दुर्ग के प्रध्यापक साहित्यकार डा चंद्रशेखर शर्मा ने कहा कि जिले में साहित्य मर्मज्ञ डा गजानंद माधव मुक्ति बोध डा पदुमलाल पून्नाा लाल बख्शी और डा बल्देव प्रसाद मिश्र ने जिले में साहित्य की आधार शिला रखी है हिन्दी को जीवित रखने और उन्हें समृद्ध रखने के लिए इन महान विभूतियो का विशेष योगदान रहा है उन्होंने कहा कि डा. मिश्र न केवल साहित्यकार थे बल्कि वे कुशल प्रशासक और समाज सेवी थे ।
डा.बल्देव प्रसाद मिश्र की साहित्य कृति मे राम राज्य, साकेत संत, तुलसी दर्शन, भारतीय संस्कृति, मानस में राम कथा, मानस माधुरी, जीवन संगीत, उदात्त संगीत आदि शामिल है ।85 से अधिक कृतियों के साथ-साथ डा. मिश्र ने संपादन व अनुवाद के माध्यम से भी साहित्य जगत को गौरवान्वित किया है इस अवसर पर कान्य कुब्ज सभा के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश द्धिवेद्धी सचिव अजय शुक्ला, नांद गांव साहित्य परिषद के अध्यक्ष श्री अखिलेश तिवारी, शोध निदेशक डा. शंकर मुनि राय, एव डा मिश्र के परिवार सदस्य प्रदीप कुमार मिश्र मनीष मिश्रा आर पी दीक्षित रंजन मिश्र सहित साहित्य परिषद एव कान्य कुंज सभा के सदस्य उपस्थित थे ।
इस अवसर पर डा. चंद्र शेखर शर्मा द्वारा संपादित बल्देव प्रसाद मिश्र पर के पुस्तक मानस के राजहंस डा. बलदेव प्रसाद मिश्र की प्रति नगर निगम कमिश्नर डा आशुतोष चतुर्वेदी को भेट की गयी। उल्लेखनीय है कि राजनांदगांव शहर के दिग्विजय महाविद्यालय के त्रिवेणी परिसर में इन महान विभूति साहित्यकार डा बल्देव प्रसाद मिश्र डा गजानन माधव मुक्ति बोध और डा पदूमलाल पून्नाा लाल बख्शी की प्रतिमा विराजमान है।