राजनांदगांव। श्रम कार्ड रद होने के कारण हितग्राहियों की परेशानी बढ़ गई है। पूर्व में बने करीब 30 हजार से अधिक श्रम कार्ड में गडबड़ियां, त्रुटियां व दस्तावेजी कमियां बताकर रद कर दिया गया है। श्रम कार्ड में कैंची चलने के कारण हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं मिलने की चिंता सताने लगी है।
जिले में करीब दो लाख 41 हजार श्रमिक पंजीकृत हैं। श्रम कार्ड से हितग्राहियों को साइकिल, मशीन व अन्य सामान दिए जाते हैं। वर्तमान में आनलाइन श्रम कार्ड बनाए रहे हैं। इस बीच एक ही नाम से अनेक कार्ड वालों के अलावा गड़बड़ी व त्रुटियां बताकर भी कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं। इधर, ठेकेदार श्रम कार्ड बनाने के आवेदन में हस्ताक्षर करने से अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं। बता दें कि श्रम कार्ड के आवेदन में ठेकेदार का फर्म व हस्ताक्षर अनिवार्य कर दिया गया है। इधर, विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कई श्रमिक डबल श्रम कार्ड बना लेते हैं इसी के चलते रद किया जा रहा है। श्रमिकों को श्रमिक कार्ड रद होने का कारण भी बताया जा रहा है।
दफ्तर का लगा रहे चक्करः श्रम विभाग के पंजीकृत श्रमिक कार्यालय परुंचकर जानकारी ले रहे हैं। इधर, जिने श्रमिकों के कार्ड रद हुए हैं वे दोबारा नया कार्ड बनाने के लिए आनलाइन आवेदन कर रहे हैं। आवेदन की प्रक्रिया भी इस बार बदल गई है। आनलाइन श्रम कार्ड बनाने जाने के कारण पूर्व के श्रम कार्डों को रद होने से हितग्राहियों की परेशानी बढ़ गई है। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि श्रमिका को योजना का लाभ देने के लिए आनलाइन श्रम कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसका लाभ श्रमिकों को मिल रहा है। दस्तावेजों की जांच भी गंभीरता से की जा रही है।
कागजों में सिमटी योजनाएं: पंजीकृत श्रमिकों की योजनाएं कागजों में सिमट कर रह गई है। कई योजनाओं को चुपके से बंद कर दिया गया है। श्रमिकों के हित में कई योजनाएं चल रही है। लेकिन इसका लाभ श्रमिकों को नहीं मिल रहा है। असंगठित श्रमिकों को पिछले तीन साल से वितरित की जाने वाल सिलाई मशीन, साइकिल, औजार व सुरक्षा किट का कोई अता-पता नहीं है।
यहीं नहीं मुख्यमंत्री सहायत योजना, श्रमिक औजार किट योजना, सुरक्षा उपकरण सहायकता योजना व विवाह योजना जैसी कई योजना अघोषित रूप से बंद है। विभागीय अफसरों का कहना है कि कोई योजना बंद नहीं हुई है। आवेदन कर सकते हैं। लेकिन सामान मिलेगा या नहीं इसे नहीं बता सकते। मुख्यमंत्री सहायता योजना, श्रमिक औजार किट योजना, सुरक्षा उपकरण सहायकता योजना व विवाह योजना जैसी कई योजना अघोषित रूप से बंद है।
24 से अधिक योजनाएं संचालितः निर्माणी व असंगठित श्रमिकों को विभिन्ना योजनाओं का लाभ दिलाने 24 से अधिक योजनाएं चलाई जा रही है। जिसमें ज्यादातर योजनाओं का लाभ श्रमिकों को नहीं मिल रहा है। यहीं नहीं विभागीय अधिकारी भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं।
श्रमिकों के लिए निर्माण श्रमिक शिक्षा और कौशल, श्रमिक स्वास्थ्य बीमा योजना, निर्माण श्रमिक जीवन बीमा, श्रमिक सुलभ योजना, प्रसुति सहायता योजना, कौशल विकास योजना संचालित की जा रही है। लेकिन बीते तीन वर्षों से पंजीकृत श्रमिकों का न ही सिलाई मशीन मिल पाई है और न ही साइकिल। मुख्यमंत्री साइकिल सहायता योजना, श्रमिक औजार किट, सुरक्षा उपकरण सहायता योजनाएं अघोषित रूप से बंद है।
योजनाओं का लाभ मिलने की आस में श्रमिकों ने दनादन आवेदन किया था। लेकिन श्रमिकों को लाभ मिला और न ही योजनाओं के संबंध में स्पष्ट जानकारी। श्रमिक दफ्तर पहुंचकर जानकारी ले रहे हैं।