नईदुनिया प्रतिनिधि, राजनांदगांव। दूसरों की जिंदगी का बीमा करने वाले छह दोस्त अनहोनी का शिकार हो गए। बागनदी थाना क्षेत्र के चिरचारी के पास हुए सड़क हादसे में इंदौर, रतलाम और ओडिशा के युवकों की मौत हो गई। ये हादसा तब हुआ जब गाड़ी चला रहे युवक को झपकी आई और कार डिवाइडर पार करते हुए दूसरी लेन पर जा पहुंची। सामने से आ रहे ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। घटना बस एक मिनट के भीतर घटी और कई जिंदगियां खो गई और कई घर के चिराग बुझ गए। सभी एक निजी बीमा कंपनी में काम करते थे। इंदौर निवासी आकाश मौर्या (28), अमन राठौर (26), सौरभ यादव (26), अभिषेक पाटीदार (24), रतलाम निवासी गोविंद (33) और ओड़िसा निवासी संग्राम केशरी सेती (38) रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में काम करते थे।
गुरुवार की शाम इंदौर से जगन्नाथपुरी के दर्शन के लिए निकले थे। दूसरे दिन शुक्रवार की सुबह लगभग पांच बजे ये सभी हादसे का शिकार हो गए। गाड़ी चला रहा इंदौर निवासी सागर यादव घायल है, लेकिन खतरे से बाहर है। 0 शोक में डूबा छुरिया.. मदद को सामने आए नगरवासी घटना के बाद मृतकों को छुरिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। जैसे ही नगरवासियों को इसका पता चला राष्ट्रीय पर्व का उल्लास शोक में तब्दील हो गया। नगरवासियों ने मानवता का परिचय दिया। अनजान युवकों की मौत ने उन्हें झकझोर दिया। यहां नगरवासियों ने सहयोग से व्यवस्थाएं सुनिश्चित की। जब स्वजन छुरिया पहुंचे तो उनके रुकने, खाने का प्रबंध करने के अलावा वे पूरे वक्त उनके साथ मौजूद रहे।
पोस्ट मार्टम करने वाले डा. गगनदीप सिंह ने बताया कि सभी के सिर के आगे, पिछले हिस्से, गर्दन और चेहरे में गंभीर चोटें आई हैं। ट्रक की सीधी टक्कर और एक जोरदार झटके ने उन्हें काफी गहरी चोटें पहुंचाईं। छुरिया की मोर्च्यूरी में एक ही शव के लिए फ्रिजर है। आनन-फानन में यहां व्यवस्था तैयार की गई। बाहर से बर्फ की कई सिल्लियां मंगाई गईं जिन पर शवों को रखा था।
घटना में जीवित बचे सागर ने बताया कि वह गाड़ी चला रहा था और दोस्त सो रहे थे। अचानक गाड़ी का पहिया डिवाइडर पर चढ़ गया और इससे पहले कि वो कुछ समझ पाता ये हादसा हो गया। उसके दोस्त नींद से जागकर कुछ समझ पाते उससे पहले ही मौत ने उन्हें आगोश में ले लिया।
रिलायंस ने अपने मृत कर्मचारियों के लिए अलग-अलग छह एंबुलेंस की व्यवस्था की थी। दोपहर सवा 12 बजे एंबुलेंस छुरिया पहुंची। दोपहर डेढ़ बजे के आसपास शवों को स्वजन लेकर रवाना हुए। सुबह 10 बजे से शवों का पोस्ट मार्टम शुरू किया था जो कि एक बजे तक चला।
गुरुवार की शाम को इंदौर से रवाना होने के बाद रात में सभी एक ढाबे में खाने के लिए रुके थे। यहां उन्होंने भोजन किया और स्वजनों से आखिरी बार बातचीत की। यहीं उन्होंने एक सेल्फी भी ली, जिसमें सभी नजर आ रहे हैं। उनकी ये बातचीत और तस्वीर ही आखिरी याद बनकर रह गई है।
इस दुर्घटना में संग्राम केसरी की भी मौत हो गई। वह ओड़िसा का था। उसकी पत्नी इन दिनों पेट की बीमारी से जूझ रही है और भुवनेश्वर स्थित एम्स में भर्ती है। दोनों की तीन साल की एक बेटी भी है। संग्राम पत्नी से मिलने जाने वाला था। वह दो साल से इंदौर में रह रहा था। शव लेने आए संग्राम के छोटे भाई ने कहा, भाभी को अभी इस हादसे की कोई जानकारी नहीं है। उन्हें कैसे बता पाऊंगा।
अभिषेक पाटीदार परिवार का सबसे चहेता बेटा था। वह अकेला लड़का था जिसकी पांच बहनों ने कुछ ही दिनों पहले उसे राखी बांधी थी। उसकी मौत की खबर घटना की शाम स्वजनों को मिली। उन्होंने घरवालों को कुछ नहीं बताया। शव पहुंचने तक उन्हें इसकी खबर न देने का फैसला किया। यहां पहुंचे उसके स्वजनों ने कहा.. इकलौता बेटा खोया है, पांच बहनों का भाई नहीं रहा.. पता नहीं सब को कैसे संभालेंगे।