गंडई-पडंरिया। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का कोहराम जारी है। एक तरफ वैक्सीन लगाने का कार्य चल रहा है। वही दूसरी ओर कोरोना जांच भी जारी है। नगर में शुक्रवार को सुबह इस्पात नगरी भिलाई से गंडई के एक ऊर्जावान होनहार जनक देवांगन के बड़े पुत्र कुणाल देवांगन की मौत की खबर से नगरवासी स्तब्ध हैं।
खबर सुनकर हर किसी की जुबान से यही सुनने को मिलता था कि नहीं ये न्यू अफवाह है। लेकिन जब इंटरनेट मीडिया में कुणाल देवांगन के फोटो और श्रद्घांजलि देने का सिलसिला चला तब लोगों को यकीन हुआ। 14 अप्रैल को कुणाल देवांगन को खासी सर्दी होने पर अपने पिताजी के साथ गंडई सीएचसी में कोरोना जांच कराने गए थे, जहां रैपिड एंटीजेन टेस्ट किया गया। जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। 16 अप्रैल को सुबह 10 बजे निजी कार से इलाज कराने दुर्ग गए, जहां सभी हास्पिटल में पेसेंट की लंबी लाइन लगी हुई थी और कुणाल का रिपोर्ट निगेटिव आने के कारण किसी भी हास्पिटल में दाखिला नहीं हो पाया। चूंकि अस्पतालों में संक्रमित मरीजों को ही प्रवेश की अनुमति थी। देखते ही देखते कुणाल का स्वास्थ्य बिगड़ गया। अंतः चार से पांच घंटे की मश-त के बद सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कम समय में कमाया अधिक नाम
होनहार कुणाल देवांगन की प्रारंभिक शिक्षा गंडई के ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल से की। 10 वी तक पढ़ाई कर उधा शिक्षा के लिए दुर्ग-भिलाई में रहकर शिक्षा प्राप्त की। कुणाल की पढ़ाई में अच्छी रुचि थी। उन्होंने हैदराबाद मुम्बई और गुजराज जैसे बड़े शहरों में रहकर होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया है। कुणाल के माता कौशिल्या देवांगन और पिता जनक देवांगन वार्ड-13 से पार्षद भी रह चुके है। वर्तमान जनक देवांगन भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष भी है।