
नईदुनिया प्रतिनिधि, सुकमा: सुकमा जिले के सीमा से लगे आंध्र प्रदेश में भी माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में जवानों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। कुख्यात माओवादी लीडर हिड़मा को जवानों के मार गिराया है। उसके साथ ही 5 अन्य माओवादी भी मारे गए हैं।
जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीताराम जिले के इलाके में मुठभेड़ चल रही है। जहां माओवादियों के बड़े केडर के 6 लोग मारे जाने की खबर है। वहां की ग्रे-हाउंड फोर्स द्वारा ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। अभी भी टीम मौके पर मौजूद है। मारे गए माओवादियों में 25 लाख के इनामी एसजेडसीएम टेक शंकर भी शामिल है।
जिले के एर्राबोर थाना क्षेत्र के पहाड़ी जंगलों में मंगलवार सुबह से सुरक्षा बल और माओवादियों के बीच रुक-रुककर मुठभेड़ जारी है। विश्वसनीय सूचना मिली थी कि कोंटा एरिया कमेटी सचिव मगडू अपने दस्ते के साथ इस क्षेत्र में सक्रिय है, जिसके आधार पर सुरक्षाबल ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इस ऑपेरशन के दौरान जवानों ने एक माओवादी को ढेर कर दिया है। एक माओवादी का शव बरामद करने की सूचना मिली है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार सुबह से ही जंगल में कई दौर फायरिंग हुई है और जवान अब भी मोर्चे पर डटे हुए हैं। पुलिस ने मुठभेड़ की पुष्टि की है, हालांकि आपरेशन के कारण स्थान, शामिल जवानों की संख्या और अन्य संवेदनशील जानकारी फिलहाल साझा नहीं की जा रही है।
बस्तर में सुरक्षा बलों के लगातार आक्रामक अभियान के बीच यह मुठभेड़ ऐसे समय में हो रही है जब पिछले दो साल में क्षेत्र में माओवादियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। दो दिन पहले ही में सुकमा के भेज्जी-चिंतागुफा सीमावर्ती तुमालपाड़ जंगल में हुई मुठभेड़ में कुख्यात स्नाइपर स्पेशलिस्ट माड़वी देवा समेत 15 लाख के इनामी तीन माओवादी कमांडर मार गिराए गए थे। उनके पास से 303 राइफल, बीजीएल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया।
इसी तरह बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क क्षेत्र में इसी सप्ताह हुई बड़ी कार्रवाई में आठ लाख के इनामी मद्देड़ एरिया कमेटी प्रभारी कन्ना ऊर्फ बुचन्ना, डीवीसीएम उर्मिला सहित कुल छह माओवादी ढेर किए गए थे। मौके से इंसास रायफल, कार्बाइन, विस्फोटक और संचार उपकरण जब्त किए गए थे, जिससे संगठन की रणनीतिक और रसद क्षमता पर गहरा असर पड़ा है।
बस्तर रेंज के आइजीपी सुंदरराज पी के अनुसार, पिछले दो वर्षों में 450 से अधिक माओवादी मारे जा चुके हैं और अब संगठन अपनी अंतिम अवस्था में है। उन्होंने कहा कि माओवादियों के लिए हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का यही सही समय है।