
नईदुनिया न्यूज, सुकमा। माओवादियों के खिलाफ दक्षिण बस्तर में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और कैंप खोले जा रहे है, जिसके कारण संगठन पर काफी दबाव बना और आत्मसमर्पण करने के फिराक में रहे माओवादी माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नि राजे का एनकांउटर सीमावर्ती क्षेत्र में आंध्र पुलिस ने किया। दोनों की मुलाकात 2008 में एक बैठक के दौरान हुई थी, जहां हिड़मा का दिल राजे पर आ गया। दो साल बाद दोनों की शादी हुई।
इसके बाद हिड़मा अपनी पत्नी को दिखाने के लिए अंतिम बार गांव पहुंचा। उसके 6 साल बाद दोनों के शव पूवर्ति पहुंचे जहां अंतिम संस्कार हुआ। इस तरह खूंखार माओवाद जोड़ी का अंत हुआ। पूवर्ति निवासी हिड़मा और वीराभट्टी की रहने वाली राजे दोनों के बीच पहले प्रेम हुआ, उसके बाद शादी हुई।
जानकारी के मुताबिक हिड़मा और राजे लगभग दोनों एक साथ संगठन में प्रवेश किए और उसके बाद अलग-अलग जिम्मेदारी निभाते रहे। लेकिन दोनों की मुलाकात एक बैठक के दौरान हुई, जिसमें हिड़मा ने राजे को शादी करने के लिए प्रपोज किया।
हालांकि उस वक्त राजे नहीं मानी और संगठन के दबाव में शादी से इनकार किया। लेकिन बाद में हिड़मा ने संगठन के आला नेताओं से बात कर 2010 में शादी कर ली। उसके बाद दोनों 2018 में अपने गांव पूवर्ति पहुंचे। जहां उसकी मां पोज्जे ने जमकर लताड़ लगाई लेकिन बाद में दोनों की शादी से राजी हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि हिड़मा सिर्फ अपनी पत्नि को दिखाने के लिए गांव आया था। उसके बाद वो कभी गांव के भीतर नहीं आया। दो-तीन साल पहले गांव से दूर जंगल में कुछ ग्रामीणों और परिजनों से मुलाकात की थी। उसके बाद दोनों की मौत की सूचना मिली।