नईदुनिया प्रतिनिधि, सुकमा: 10 जून 2025 को सुकमा जिले में हुए भीषण माओवादियों के ब्लास्ट में कोंटा डिवीजन के एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे बलिदान हो गए थे। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोंटा से 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। एनआईए टीम की ने संदिग्धों से पूछताछ शुरू की है। पुछताछ में कई बड़ी जानकारियां सामने आयी हैं।
मिली जानकारी के अनुसार , गिरफ्तार आरोपियों के पास आंध्र प्रदेश की सिमकार्ड से लैस मोबाइल फोन मिले हैं। पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ ग्रामीण माओवादियों को एनआईए टीम की गतिविधियों की जानकारी लगातार भेज रहे थे। इस इनपुट के बाद जांच एजेंसी सतर्क हो गई है।
इस विस्फोट में एसडीओपी कोंटा भानु प्रताप चंद्राकर और टीआई सोनल ग्वाला भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर से आईजी अंकित गर्ग शनिवार को कोंटा का दौरा करेंगे।
गौरतलब है कि 10 जुन को सुकमा जिले के कोंटा में माओवादियों द्वारा बिछाए गए प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से एडिशनल एएसपी (ASP) आकाश राव गिरपुंजे शहीद हो गए। साथ ही इस धमाके में सब-डिवीजनल पुलिस अधिकारी (SDOP) भानुप्रताप चंद्राकर भी इसकी चपेट में आ गए थे। वहीं कोंटा थाना प्रभारी सोनल ग्वाला समेत कई पुलिस अधिकारी घायल हुए थे।
माओवादियों ने योजना बनाकर फंदीगुड़ा के पास एक क्रेशर प्लांट में बैकहो लोडर मशीन को आग के हवाले कर दिया था। साथ ही वहां आईईडी प्लांट कर दिया था। सुबह मामले की जांच करने पहुंची पुलिस के जवानों की टीम इसकी चपेट में आ गयी थी इस हमले में ASP गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें तुरंत कोंटा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
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इस पूरे मामले की जांच एनआईए कर कर ही है। जांच एंजेसी ने संदेह के आधार पर इलाके से 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनके माओवादियों से जुड़े होने आशंक है। जांच अधिकारियों को शक है कि ये लोग सुरक्षा बलों की जानकारी माओवादियों को देते हैं। इन्होंने ने 10 जून की हमले में माओवादियों की मदद की थी । एनआईए मामले में गहनता से जांच कर रही है।