Sukma News: नक्सली सामग्री के साथ पांच नक्सली गिरफ्तार, जगरगुंडा इलाके में सर्चिंग पर निकले जवानों को मिली सफलता
जगरगुंडा व बेदरे केम्प से जिला बल व कोबरा 201 के जवान संयुक्त एरिया डोमिनेशन के लिए रवाना हुए। दूरनदरभा व मिसिगुड़ा के जंगलों में जवानों को आता देख कुछ संदिग्ध भागने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन जवानों ने घेराबंदी कर उन पांचों को पकड़ लिया।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Sun, 22 Oct 2023 07:32:36 PM (IST)
Updated Date: Sun, 22 Oct 2023 07:32:36 PM (IST)

सुकमा (नईदुनिया न्यूज)। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सुरक्षा बल के जवान लगातार नक्सल प्रभावित इलाके में सर्चिंग अभियान चला रहे है। ऐसे ही जगरगुंडा इलाके में सर्चिंग पर निकले जवानों ने पांच नक्सलियो को गिरफ्तार किया उनके पास से नक्सली साहित्य व स्पाइक बरामद किए। पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की।
पुलिस की माने तो जिले के जगरगुंडा व बेदरे केम्प से जिला बल व कोबरा 201 के जवान संयुक्त एरिया डोमिनेशन के लिए रवाना हुए। दूरनदरभा व मिसिगुड़ा के जंगलों में जवानों को आता देख कुछ संदिग्ध भागने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन जवानों ने घेराबंदी कर उन पांचों को पकड़ लिया। पूछताछ करने पर अपनी पहचान तामु भीमा, ओयाम जोगा, अवलाम पांडु, पूनेम सन्नू, तामु आकाश जो कि बेदरे निवासी बताया। उनके पास से थैलों व बोरियों में की जांच करने पर 180 नग लकड़ी से बना नुकीला स्पाइक, 2 नग संबल, नक्सली पर्चा व साहित्य बरामद हुआ। जिसके बाद अपराध कायम कर न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया।
खतरनाक साबित होते है स्पाइक
स्पाइक काफी खतरनाक साबित होते है। दरअसल ये लकड़ी जो कि सामने से नुकीला होते है। जिसे नक्सली जंगलों में या पगडंडियों में गड्ढा खोदकर लगा देते है। ऊपर से हल्की रेत या फिर सूखे पत्ते डाल देते है ताकि किसी को कोई शक ना हो। और जवान जब पैदल या वाहनों में सवार होकर निकलते है और अगर सावधानी ना बरते कही पेर उन स्पाइक पर आ जाए तो जवान घायल हो जाता है। पिछले कुछ सालों में जवानों ने भारी मात्रा में स्पाइक बरामद किए है।
विधानसभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने का उद्देश्य
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियो ने ये स्वीकार किया है कि नक्सली कमांडरो के कहने पर आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान दल या जवानों को नुकशान पहुँचाना उद्देश्य था। क्योंकि नक्सली चुनाव का बहिष्कार कर चुके है।