नईदुनिया न्यूज, सूरजपुर। सूरजपुर के फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय ने सुनवाई के दौरान एक दृष्टिहीन दिव्यांग बालिका से बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप सिद्ध पाए जाने पर आरोपित सौतेले पिता व रिश्ते के नाना को जीवन की अंतिम सांस तक उम्र कैद की सजा सुनाई है। मामला ओड़गी थाना क्षेत्र का है। वर्ष 2022 से 2024 तक लगातार घटित दुष्कर्म की वारदात का राजफाश होने पर समाज स्तब्ध हो गया था। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल की अदालत ने दोनो दोषियों को उनके जघन्य अपराधों के लिए यह कठोर सजा सुनाई।
बता दें कि ओड़गी थाना इलाके की बालिका के साथ उसका सौतेला पिता लगातार दुष्कर्म करता रहा। अदालत ने सौतेले पिता को पॉक्सो एक्ट की धारा छह के तहत् दोषी पाया और उसे जीवन की अंतिम सांस तक कारावास के साथ ही एक हजार रूपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई।
इधर मामले के अन्य आरोपित बालिका के रिश्ते के नाना ने भी बालिका के साथ घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। अदालत ने पाया कि नौ जुलाई 2024 को जब सौतेला पिता बालिका के साथ दुष्कर्म किया था, उसी दिन रिश्ते के नाना ने भी नाबालिग बालिका को नेत्रहीन होना जानते हुए उसकी दिव्यांगता का फायदा उठाकर अपने घर के कमरे में कैद कर उसके साथ दुष्कर्म किया था।
अदालत ने आरोपित नाना को भी पॉक्सो एक्ट की धारा-6 के और धारा 127 बी.एन.एस. के तहत् दोषी ठहराते हुए उसे भी अंतिम सांस तक आजीवन कारावास और एक हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा धारा-127 बीएनएस के तहत उसे एक वर्ष का कठोर कारावास और पांच सौ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना का निर्णय सुनाया है।
अदालत ने इस फैसले के साथ एक मजबूत संदेश दिया है कि मासूमों के खिलाफ ऐसे घिनौने अपराध करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, खासकर तब जब अपराधी ही उनका संरक्षक हो। शासन की ओर से अधिवक्ता नरेश कौशिक ने मामले की पैरवी की।