
नईदुनिया न्यूज, सूरजपुर: तीन दिन पहले रामानुजनगर इलाके के एक घटना ने सनसनी मचा दी थी। नारायणपुर में संचालित हंसवाहिनी विद्या मंदिर नामक निजी विद्यालय में केजी 2 के मासूम बच्चे को एक शिक्षिका द्वारा गृहकार्य न करने और शैतानी करने पर खौंफनाक सजा दी। शिक्षिका के खिलाफ छात्र को टी शर्ट के सहारे पेड़ से लटकाने की सजा देने के मामले में मचे बवाल के बीच पुलिस ने विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध BNS की धारा 127 (2) व बाल संरक्षण अधिनियम की धारा 78, 82 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
बता दें कि तीन दिन पहले इंटरनेट मीडिया में प्रसारित एक वीडियो ने शिक्षा जगत में भूचाल मचा दिया था। वीडियो नारायणपुर स्थित उक्त निजी विद्यालय का था। इसमे एक शिक्षिका द्वारा गृहकार्य नही करने और उदण्डता करने के आरोप में क्रूरतापूर्वक मासूम बच्चे को टीशर्ट के सहारे पेड़ में लटका कर सजा दी जा रही थी।
मामले को हाईकोर्ट ने भी संज्ञान में लेते हुए जवाब तलब किया है। कलेक्टर एस जयवर्धन का भी इस मामले में सख्त रुख है। कथित शिक्षिका को विद्यालय प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया है। विद्यालय में निर्धारित मापदंडों का पालन नही किये जाने की जानकारी भी बीईओ की जांच में सामने आई है। बच्चे को पेड़ में लटकाने के मामले में डीईओ ने भी विद्यालय प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जिले का शिक्षा विभाग लगातार सुर्खियों में है। संलग्नीकरण के नाम पर भारी गड़बड़ी के आरोप अक्सर शिक्षा विभाग पर लगते रहे है। रिश्वतखोरी के आरोप में एक डीईओ को एंटीकरप्शन टीम ने जेल भेजा। निजी स्कूलों के संचालन में नियमों की अनदेखी के लिए भी शिक्षा विभाग सुर्खियों में है।
RTE के नाम पर वर्षों से कागज़ों पर संचालित होकर दर्जनों निजी विद्यालयों में सरकारी योजनाओं का आर्थिक लाभ अर्जित करने की शिकायत भी कई बार हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई हमेशा सिफर रही। अब कलेक्टर एस जयवर्धन के सख्त तेवर की वजह से जांच में तेजी आई है। फिलहाल कागजों में संचालित 32 निजी विद्यालयों की मान्यता रद की गई है।
इस गंभीर मामले में शिक्षा विभाग का पक्ष जानने घटना के बाद से आज तक कई बार डीईओ अजय मिश्रा को काल किया गया, लेकिन उन्होंने एक बार भी काल रिसीव नही किया। संभवतः वे जानकारी देने से बचना चाह रहे है।