नईदुनिया प्रतिनिधि, बतौली: क्षेत्र में आकाशीय बिजली का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। 10 दिनों के भीतर बिजली गिरने की अलग-अलग घटना में दो ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, वहीं अब तक 10 से अधिक मवेशियों की भी जान जा चुकी है। लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। जानकारी के अनुसार रविवार को तेज बारिश और गरज-चमक के दौरान 60 वर्षीय नानसाय मझवार की बिजली गिरने से मौके पर ही मौत हो गई।
वह ग्राम तराईडांड गोविंदपुर के पास स्थित चिचला मझवार क्षेत्र में भैंस चरा रहे थे। इसी दौरान एक बैल और तीन बछड़ों की भी मौत हो गई। इससे पहले भी क्षेत्र में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो चुकी है। बतौली के पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने से अब तक 10 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है। मवेशियों की मौत से किसान संकट में आ गए हैं। उनकी खेती प्रभावित हो गई है। किसानों का कहना है कि बारिश के समय खेती का कार्य जोरों पर होता है और इस दौरान बैलों की मृत्यु से खेतों में जोताई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
बतौली क्षेत्र में तड़ित चालक की कमी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते पहाड़ी क्षेत्रों में तड़ित चालक लगाए गए होते, तो इन घटनाओं से बचा जा सकता था। ग्रामीणों ने इसे प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही बताया है।
सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने बतौली जनपद सीईओ को तड़ित चालक लगाए जाने के लिए पत्र लिखा था। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विधायक ने ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही घटनाओं को देखते हुए गांव-गांव में तड़ित चालक लगाने की मांग की थी, लेकिन बतौली क्षेत्र आज भी उस अभाव से जूझ रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द संवेदनशील क्षेत्रों में तड़ित चालक लगाए जाएं, ताकि ग्रामीणों और उनके मवेशियों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की भी मांग की गई है।