गाजियाबाद। 'किसान क्रांति यात्रा' के तहत दिल्ली के किसान घाट पहुंचने की कोशिश करने वाले हजारों किसानों को दिल्ली पुलिस ने रोक दिया है। इस दौरान किसान उग्र हुए और उन्होंने गाजीपुर बॉर्डर के समीप बैरीकेड तोड़ दिया।
किसानों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। इस घटना के बाद किसान यूनियन के प्रतिनिधि और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच किसानों की मांगों को लेकर व्यापक चर्चा हुई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर बात भी की।
मंत्री पर फेंका जूता
किसानों का विरोध बढ़ता जा रहा है। किसानों से बातचीत करने और सरकार की ओर से आश्वासन देने पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी पर गुस्साए किसानों ने जूता फेंका। इस घटना में मंत्री बाल-बाल बच गए। मंत्री नेे किसानों की कुछ मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया।
इसी दौरान लौटते समय उन्हें किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा। सरकार की ओर से यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, सुरेश राणा और कृषि सचिव संजय अग्रवाल किसानों से मिलने पहुंचे थे। किसानों ने हाथ हिलाते हुए सरकार के आश्वासनों को नकार दिया।
इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।सम्पूर्ण कर्ज माफी समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली पहुंची किसान क्रांति यात्रा में शामिल किसान उग्र हो गए।
किसानों और पुलिस के बीच हुई इस झड़प की विपक्षी दलों ने निंदा की है। इसके बाद सरकार ने किसान नेताओं से बात की और फसल खरीद सुनिश्चित करने का भरोसा दिया। हालांकि अभी किसान पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने रणदीप सुरजेवाला ने मामले को लेकर कहा महात्मा गांधी की जयंती पर मोदी सरकार ने दिखा दिया है कि वह आजादी से पहले की अंग्रेजी हुकुमत की तरह है।
Govt didn't clear its stand on the main issue of the farmers - C2+50. That is why the farmers are unsatisfied. It didn't clear its stand even on the other main issue of loan waiver. They said they will discuss it in detail: Yudhvir Singh, Bharatiya Kisan Union Spokesperson pic.twitter.com/EUxxQqDk8G
— ANI (@ANI) 2 October 2018
जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि शांति और बिना हथियार के किसान राजघाट की ओर जा रहे थे लेकिन उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया। किसानों पर लाठी चार्ज किया गया। उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हम इसकी निंदा करते हैं।
दूसरी तरफ किसान नेताओं की गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात खत्म हो चुकी है। इसके बाद बाहर कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गृहमंत्री की किसान नेताओं के साथ बैठक खत्म हो चुकी है। इसमें ज्यादातर मामलों में सहमति बन गई है। हम लोग किसानों के लिए जा रहे हैं।
We had a discussion on 11 points. Govt agreed on 7 points but didn't agree on 4 points yet. They said they will have to think about those meetings in a further meeting after which they will tell us, as it is a financial matter: Yudhvir Singh, Bharatiya Kisan Union Spokesperson pic.twitter.com/t4PTedzW0U
— ANI (@ANI) 2 October 2018
Home Minister Rajnath Singh met the farmer's leaders and discussed their demands and have reached an agreement on the majority of the issues. Farmers' leaders, UP ministers Laxmi Narayan ji, Suresh Rana ji & I will go to meet farmers now: MoS Agriculture Gajendra Singh Shekhawat pic.twitter.com/fZvdjMuhY8
— ANI (@ANI) October 2, 2018
इससे पहले किसानों ने दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने से नाराज होकर पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की है। इसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन के उपयोग के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं।
#WATCH Visuals from UP-Delhi border where farmers have been stopped during 'Kisan Kranti Padyatra'. Police use water cannons to disperse protesters after protesters broke the barricades pic.twitter.com/9KUwKgvrwW
— ANI (@ANI) October 2, 2018
यह सब दिल्ली-यूपी सीमा पर हो रहा है। बता दें कि किसानों की रैली के कारण दिल्ली में घुसने के सारे रास्ते सील कर दिए गए हैं और सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं। किसानों क सीमा पर ही रोक दिया गया है।
#Visuals from UP-Delhi border where farmers have been stopped during 'Kisan Kranti Padyatra'. The 'Kisan Kranti Padyatra' has been organized by farmers under the banner of Bharatiya Kisan Union. pic.twitter.com/3c4WqtAQnM
— ANI (@ANI) October 2, 2018
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष और किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि हमें दिल्ली-यूपी सीमा पर रोक दिया गया है। यह रैली अनुशासन में चल रही थी। अगर हम अपनी सरकार को अपनी तकलीफ नहीं बताएंगे तो किसे बताएंगे? क्या इसके लिए हमें पाकिस्तान या बांग्लादेश जाना पड़ेगा?
Why have we been stopped here (at UP-Delhi border)? The rally was proceeding in a disciplined manner. If we don't tell our government about our problems then whom do we tell? Do we go to Pakistan or Bangladesh?: Naresh Tikait, President, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/J15xmWpZ9G
— ANI (@ANI) October 2, 2018
बता दें कि राजधानी में किसान क्रांति यात्रा के प्रवेश रोकने के लिए मंगलवार सुबह से यूपी गेट पर भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली और यूपी पुलिस बल के साथ पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात की गई है। दिल्ली के साथ यूपी के गाजियाबाद और नोएडा में भी भारी पुलिस बल तैनात है।
वहीं, पूर्वी दिल्ली में दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी पूर्वी रेंज ने लाउडस्पीकर के माध्यम से जानकारी दी है कि राजेश टिकैत की अध्यक्षता में 8000 किसान यूपी गेट की ओर बढ़ रहे हैं। वे बैरिगेड तोड़ने की कोशिश करेंगे। इस बाबत उन्होंने पुलिस व अर्द्धसैनिक टीम से अलर्ट रहने को कहा है।
इससे पहले हरिद्वार से दिल्ली के किसान घाट के लिए आ रही किसान क्रांति यात्रा सोमवार दोपहर ट्रांस हिंडन पहुंची तो इस दौरान सड़कों पर किसानों का हुजूम देखने को मिला। ट्रैक्टर-गाड़ियों के अलावा, पैदल सैकड़ों किसानों ने लिंक रोड पर वसुंधरा स्थित दो फॉर्म हाउसों में डेरा डाल लिया। सोमवार रात सीएम योगी आदित्यनाथ से हुई किसानों की वार्ता विफल रही। इसके बाद अब किसान मंगलवार सुबह सात बजे दिल्ली के लिए कूच करेंगे।
किसानों ने मंडी के अंदर जाने से इनकार कर दिया
विभिन्न मांगों को लेकर हरिद्वार से आ रही किसान क्रांति यात्रा को प्रशासन ने कमला नेहरू नगर में रोकने की योजना बनाई थी। लेकिन किसानों ने प्रशासन की योजना को धता बताते हुए सीधे ट्रांस हिंडन का रुख कर दिया। दोपहर करीब दो बजे यात्रा ने ट्रांस हिंडन में प्रवेश कर लिया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसान जीटी रोड से होते हुए लिंक रोड स्थित सब्जी मंडी पहुंचे। यहां किसानों ने मंडी के अंदर जाने से इनकार कर दिया।
अधिकारियों में मचा हड़कंप, फॉर्म हाउस में रुकवाया
किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन मंडी के दरवाजे बंद कर उन्हें बंधक बना लेगा। वे सड़क पर बैठने को तैयार हो गए। इसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। शहर में जाम को देखते हुए अधिकारी उन्हें सड़क से हटाने की योजना बना रहे थे। इस दौरान उन्हें मंडी के सामने स्थित दो फॉर्म हाउस में रोका गया। देर रात तक किसान दोनों फार्म हाउस में डटे रहे। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि वह सुबह दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
डीएम-एसएसपी ने किया समझाने का प्रयास
फॉर्म हाउस में किसानों से मिलने डीएम रितु माहेश्वरी और एसएसपी वैभव कृष्ण पहुंचे। करीब एक घंटे तक दोनों ने किसानों से बंद कमरे में वार्ता की, लेकिन किसान दिल्ली जाने पर अड़े रहे।
मुख्यमंत्री से वार्ता रही विफल
किसानों को समझाने के लिए देर शाम गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मिलने बुलाया था। हालांकि प्रशासन ने देर रात किसानों की वार्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ करवाई। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम व्यस्त है, ऐसे में वह अभी किसानों से नहीं मिल सकते। उन्होंने किसानों को जल्द ही उनकी मांगों पर हल निकालने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान दिल्ली कूच करने की बात पर अड़े रहे। किसानों ने प्रधानमंत्री से मिले बिना लौटने से इन्कार कर दिया।