नोएडा। देश में हाई कोर्ट की पहली मुख्य महिला जज व दिल्ली हाई कोर्ट की पहली महिला जज रहीं लीला सेठ का नोएडा के सेक्टर 15 ए स्थित आवास पर शुक्रवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया।
वह 86 वर्ष की थीं। पिता की संपत्ति में बेटियों को बराबरी का हक दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह दिल्ली गैंग रेप (2012) मामले में अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए गठित जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी की भी सदस्य रहीं।
करीब आठ माह पहले ब्रेन हैमरेज के बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद तबियत में सुधार होने पर वह घर आ गई थी। करीब दो सप्ताह पहले फिसलकर गिर जाने के बाद फ्रैक्चर हो गया।
शुक्रवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इस दौरान परिजनों ने एंबुलेंस कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस आने में काफी देरी हो गई। रात 10 बजकर 28 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली।
लीला सेठ की पूर्व इच्छानुसार उनके पार्थिव शरीर को आर्मी रिसर्च एंड रेफरल सेंटर दिल्ली को वैज्ञानिक शोध के लिए सौंप दिया गया। लीला सेठ का जन्म 20 अक्टूबर 1930 को लखनऊ में हुआ था।
बचपन से उनकी इच्छा नन बनने की थी, लेकिन उनके पिता राज बिहारी सेठ की असमय मृत्यु के बाद लीला सेठ ने वकालत का पेशा चुना।
उनके पिता दहेज के सख्त विरोधी थे। परिवार में उनके पति प्रेमनाथ सेठ 'ए सूटेबल ब्वॉय' किताब लिखने वाले उनके बड़े बेटे व मशहूर लेखक विक्रम सेठ, छोटे बेटे शांतुम एवं एक बेटी हैं।
लीला सेठ 1958 में लंदन बार परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। इसी वर्ष उन्होंने आइएएस परीक्षा भी पास की। वर्ष 1959 में लीला सेठ ने बार एसोसिएशन ज्वाइन कर ली।
इसके बाद उन्होंने करीब 10 साल तक पटना हाई कोर्ट में वकालत की। 25 जुलाई 1978 को वह दिल्ली हाई कोर्ट की पहली महिला जज बनीं। चार अगस्त 1991 तक हाई कोर्ट में जज के तौर पर काम करने के बाद पांच अगस्त 1991 को हिमांचल हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बनीं।
किसी भी राज्य की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश बनने वाली वह पहली महिला थीं। 20 अक्टूबर 1992 तक वह इस पद पर रहीं। 1997 से 2000 तक इंडियन लॉ कमिशन की सदस्य रहीं।
विभिन्न कमेटियों में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। बच्चों पर आधारित सीरियल 'शक्तिमान' व मशहूर बिजनेसमैन राजन पिल्लई की रहस्यमयी मौत मामले की उन्होंने जांच की।
उनकी पहचान एक लेखक के तौर पर भी रही। लीला सेठ ने अपनी आटोबॉयोग्रफी लिखने के 'ऑन बैलेंस' पिपल्स राइट्स इन मॉडर्न इंडिया जैसे किताबें भी लिखीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उनके निधन पर शोक जताया है।