नई दिल्ली। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार दोपहर निधन हो गया है। वे 81 साल की थीं और बीमार चल रही थीं। उन्हें हाल ही में दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने से दोपहर 3.30 बजे उनका निधन हुआ है। शीला की गिनती दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी। अब उनके पार्थिव शरीर को निजामुद्दीन स्थित उनकी बहन के घर पर रखा गया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी समेत तमाम बड़े नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। अंतिम संस्कार रविवार को होगा। मोदी ने ट्वीट कर शीला के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की है।
कांग्रेस में शीला दीक्षित का कद कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे दिल्ली में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं। बतौर सीएम 15 साल यानी 1998 से 2013 तक दिल्ली में उनका सिक्का चलता था। हालांकि दिसंबर 2013 में अरविंद केजरीवाल के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
Former President Pranab Mukherjee: I knew her (Sheila Diskhit) even before she entered politics, it's a great loss to the nation, they have lost an able administrator and a fine leader. pic.twitter.com/y1d4zS11wU— ANI (@ANI) 20 July 2019
2014 में पार्टी ने उन्हें केरल राज्यपाल बना दिया, लेकिन शीला ने 25 अगस्त 2014 को इस पद से इस्तीफा दे दिया और सक्रिय राजनीति में लौट आईं।
Prime Minister Narendra Modi tweets, "Deeply saddened by the demise of Sheila Dikshit Ji. Blessed with a warm and affable personality, she made a noteworthy contribution to Delhi’s development. Condolences to her family and supporters. Om Shanti." pic.twitter.com/1m3aoXYqvj
— ANI (@ANI) 20 July 2019
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार मन बनाया था कि शीला को सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाए। हालांकि बाद में पार्टी ने फैसला बदल लिया। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जब पार्टी को दिल्ली में उनकी जरूरत पड़ी तो पार्टी ने राज्यपाल बनाने के बाद फिर उन्हें सक्रिय राजनीति में लाने का फैसला किया।
2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने उत्तर पूर्व दिल्ली सीट से लड़ा था, जहां भाजपा ने अपने दिल्ली अध्यक्ष और भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी को मैदान में उतारा था। मनोज तिवारी ने यहां से बहुत बड़ी जीत दर्ज की। उत्तर-मनोज तिवारी ने 3 लाख 66 हजार वोटों से शीला दीक्षित को हराया था।