एजुकेशन डेस्क। भारत में हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2025) मनाया जाता है। हिंदी, विश्व स्तर पर अंग्रेजी और मंदारिन के बाद तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। आज इसकी बोलने वालों की संख्या 609 मिलियन से अधिक है।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना, इसके महत्व के प्रति जागरूकता पैदा करना और देश की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करना है।
भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया। इसी वजह से हर साल इस तारीख को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा, हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है।
हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत 14 सितंबर 1953 को हुई थी। उस समय देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे आधिकारिक रूप से मनाने की घोषणा की थी। दरअसल, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा ने हिंदी दिवस मनाने का आग्रह किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया और तब से यह परंपरा निरंतर जारी है।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस का प्रमुख उद्देश्य है-
इस दिन पर स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थानों और विभिन्न संगठनों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रतियोगिताएं, कवि सम्मेलन, निबंध लेखन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए नई पीढ़ी को हिंदी की समृद्ध परंपरा और धरोहर से परिचित कराया जाता है।
साथ ही, लोगों को प्रेरित किया जाता है कि वे अपने दैनिक जीवन और सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करें, ताकि हिंदी का विकास हो सके और इसका अस्तित्व लंबे समय तक बना रहे।