
एजुकेशन डेस्क। भारत में शिक्षा का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है, लेकिन छोटे और पूर्वोत्तर राज्यों ने साक्षरता के क्षेत्र में सबसे अधिक प्रगति दिखाई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, मिज़ोरम, लक्षद्वीप और नागालैंड जैसे प्रदेशों ने 90% से अधिक साक्षरता दर हासिल कर देश के सामने उदाहरण पेश किया है।
भारत के टॉप 10 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश, जहाँ साक्षरता दर सबसे ज्यादा है, उनमें कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्र भी शामिल हैं। इन राज्यों ने सामुदायिक सहयोग, बेहतर शिक्षा नीतियों और मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ शिक्षा के स्तर को ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
मिज़ोरम साक्षरता दर में देश का नंबर-1 राज्य है और 2025 में यह भारत का पहला पूरी तरह साक्षर राज्य बन चुका है। यहाँ शिक्षा समाज का मूल हिस्सा है। लगभग हर गांव में स्कूल और समुदाय द्वारा समर्थित शिक्षा मॉडल इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं।
कम आबादी और द्वीपों में फैले भूभाग के बावजूद, लक्षद्वीप ने शिक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है। हर द्वीप पर गुणवत्तापूर्ण सरकारी स्कूल और प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता ने इसे दूसरे स्थान पर पहुंचाया है।
नागालैंड में शिक्षा को सामाजिक सशक्तिकरण का साधन माना जाता है। स्थानीय समुदायों, मिशनरियों और NGOs ने दूर-दराज़ आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महिला साक्षरता में भी यहाँ उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
लंबे समय से भारत की साक्षरता की पहचान रहा केरल आज भी शीर्ष राज्यों में शामिल है। मुफ्त प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षा, वयस्क साक्षरता अभियान और मजबूत उच्च शिक्षा प्रणाली इसके मुख्य स्तंभ हैं।
कठिन भू-भाग के बावजूद मेघालय में शिक्षा का मजबूत नेटवर्क है। मिशनरियों और स्थानीय स्कूलों की मदद से आदिवासी और ग्रामीण आबादी तक शिक्षा सफलतापूर्वक पहुँची है।
त्रिपुरा ने पिछले दशकों में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। ग्रामीण साक्षरता कार्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण और महिला शिक्षा पर विशेष जोर ने इसे शीर्ष राज्यों में शामिल किया है।
आधुनिक शिक्षा संरचना, मजबूत सरकारी-निजी स्कूल नेटवर्क और सुलभ शिक्षा नीतियों ने चंडीगढ़ को उच्च साक्षरता वाले शहरों में शामिल किया है।
गोवा में अंग्रेज़ी माध्यम और स्थानीय भाषाओं, दोनों में अच्छा स्कूल नेटवर्क है। व्यावसायिक शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और पर्यावरण-अध्ययन पर ध्यान ने यहाँ के शिक्षा मॉडल को मजबूत किया है।
पुदुचेरी में बहुभाषी शिक्षा, छात्रवृत्ति योजनाएँ और वयस्क साक्षरता अभियान प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यहाँ महिला साक्षरता भी उच्च स्तर पर है।
भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद मणिपुर ने सामुदायिक स्कूलों और सरकारी योजनाओं के जरिए शिक्षा की व्यापक पहुँच सुनिश्चित की है। युवा साक्षरता दर यहाँ काफी प्रभावशाली है।