
एजुकेशन डेस्क। नीट पीजी (NEET PG 2025) की राज्य संयुक्त काउंसलिंग (MD/MS कोर्स) के तहत पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) ने राहत भरा निर्णय लिया है।
अब उम्मीदवारों को दाखिले के समय मध्य प्रदेश स्टेट मेडिकल काउंसिल (एमपीएमसी) रजिस्ट्रेशन या इसके लिए आवेदन जमा करने की रसीद तुरंत प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं होगा।
संचालनालय ने यह फैसला उन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए लिया है, जिनका सामना उम्मीदवारों को प्रवेश के समय एमपीएमसी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र या रसीद जमा करने में करना पड़ रहा था। नए निर्देश के अनुसार, यदि कोई उम्मीदवार प्रवेश के समय एमपीएमसी रजिस्ट्रेशन या उसकी रसीद जमा नहीं कर पाता है, तो उसे अंतिम प्रवेश की तारीख से 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
इस अवधि का लाभ उठाने के लिए अभ्यर्थी को केवल एक शपथ पत्र जमा करना होगा। इसमें यह वचन देना होगा कि वह निर्धारित 15 दिनों के भीतर एमपीएमसी रजिस्ट्रेशन या आवेदन जमा करने की रसीद प्रस्तुत कर देगा।
रजिस्ट्रेशन जमा न करने पर प्रवेश रदडायरेक्टर, मेडिकल एजुकेशन, मध्य प्रदेश द्वारा जारी नोटिस में यह भी स्पष्ट है कि यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित 15 दिनों की अवधि के भीतर एमपीएमसी रजिस्ट्रेशन या आवेदन रसीद जमा करने में विफल रहता है, तो पीजी कोर्स में उसका प्रवेश तत्काल रद कर दिया जाएगा।
दूसरे राउंड से पहले निजी कालेजों में बढ़ीं पीजी सीटें वहीं, प्रदेश में नीट पीजी 2025 की राज्य संयुक्त काउंसलिंग (एमडी/एमएस कोर्स) के दूसरे राउंड के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों की पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) सीटों की संख्या में इजाफा किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) ने नोटिस जारी कर अभ्यर्थियों को सूचित किया है। यह बदलाव नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) द्वारा जारी किए गए नए सीट मैट्रिक्स के अनुसार किया गया है।
नया सीट मैट्रिक्स मध्य प्रदेश के निजी मेडिकल कालेजों में पीजी सीटों के समीकरण को बदल देगा, जिससे अभ्यर्थियों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। राज्य के कई निजी मेडिकल कालेजों की पहले से मौजूद पीजी सीटों की संख्या में एनएमसी के निर्देशानुसार वृद्धि की गई है। कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों को पहली बार पीजी कोर्स शुरू करने की अनुमति भी मिली है।
इन नए कॉलेजों की सीटें भी अब काउंसलिंग में शामिल होंगी। संचालनालय ने स्पष्ट किया है कि ये सभी बढ़ी हुई और नई पीजी सीटें केवल दूसरे राउंड की सीट मैट्रिक्स में जोड़ी जाएंगी। सीटों की संख्या में वृद्धि होने से दूसरे राउंड की काउंसलिंग में मेरिट के निचले क्रम के अभ्यर्थियों को भी बेहतर कालेजों में दाखिला मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।