नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। विदेश में अध्ययन और नौकरी के लिए जाने वाले उम्मीदवारों को अब डिग्री सत्यापन के लिए महीनेभर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) डिजिटल युग में कदम रखते हुए इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव कर रहा है। विद्यार्थियों की सुविधा और समय की बचत के लिए डिग्री सत्यापन अब डिजिटल रूप में किया जाएगा।
इसके लिए विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें पेमेंट गेटवे को भी जोड़ा जाएगा। यूपीआई के माध्यम से सत्यापन शुल्क वसूला जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, इस नई व्यवस्था से डिग्री सत्यापन की प्रक्रिया अधिक सरल, तेज और सुरक्षित होगी। यह व्यवस्था दिसंबर से लागू होने की संभावना है।
विश्वविद्यालय हर महीने लगभग एक हजार डिग्रियां जारी करता है, जिनमें से करीब 70 प्रतिशत यानी लगभग 700 डिग्रियां सत्यापन के लिए आती हैं। इन डिग्रियों की जांच नौकरी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों और उच्च शिक्षा के लिए विदेश या देश के अन्य हिस्सों में जाने वाले विद्यार्थियों को करानी पड़ती है।
पहले यह प्रक्रिया काफी समय लेने वाली होती थी, जिसमें विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को मैन्युअल तरीके से कागजात की जांच करनी पड़ती थी। कई बार काम का दबाव इतना बढ़ जाता था कि अधिकारियों और स्टाफ को देर रात तक काम करना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी और संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था।
अब विश्वविद्यालय ने इस समस्या का समाधान खोज लिया है। नई प्रणाली के तहत हर डिग्री पर बारकोड लगाया जाएगा। जब कोई उम्मीदवार या संस्था इस बारकोड को स्कैन करेगी, तो एक ऑनलाइन लिंक खुल जाएगा, जिससे भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। जैसे ही भुगतान पूरा होगा, सत्यापन की रिक्वेस्ट सीधे विश्वविद्यालय तक पहुंच जाएगी।
इसके बाद विश्वविद्यालय ऑनलाइन ही डिग्री को वैरिफाई कर देगा। इस प्रक्रिया से विद्यार्थियों को बार-बार विश्वविद्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी और कंपनियों को डिग्री जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सब कुछ कुछ ही एक क्लिक में पूरा हो जाएगा।
इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ विद्यार्थियों को होगा, क्योंकि उन्हें दस्तावेज की जांच के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, विश्वविद्यालय का समय और मैनपावर भी बचेगा। ऑनलाइन सिस्टम से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी।
सहायक कुलसचिव डॉ. विष्णु मिश्रा ने बताया कि इसके लिए पेमेंट गेटवे पर काम जल्द शुरू किया जाएगा। प्रयास है कि दिसंबर से यह ऑनलाइन डिग्री सत्यापन सुविधा विद्यार्थियों और कंपनियों के लिए शुरू कर दी जाए।