
कपिल नीले, नईदुनिया, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) अब अपनी अंकसूची को और ज्यादा सुरक्षित और आधुनिक बनाने जा रहा है। विश्वविद्यालय की समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत आने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की अंकसूची में बड़े बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य छात्रों की जानकारी को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखना और फर्जीवाड़े पर पूरी तरह रोक लगाना है।
नई अंकसूची में चार स्तर की सुरक्षा व्यवस्था जोड़ी जाएगी। सबसे खास बात यह है कि अब अंकसूची के एक कोने में क्यूआर कोड होगा। इसे स्कैन करने पर छात्र की पूरी शैक्षणिक जानकारी तुरंत मिल जाएगी, जिससे किसी भी तरह की नकल या जालसाजी करना मुश्किल हो जाएगा। अंकसूची पर मोनोग्राम लोगो भी लगाया जाएगा, जो डीएवीवी की पहचान बनेगा।
अंकसूची की बाउंड्री पर भी डीएवीवी की छाप (वाटरमार्क) रहेगी, जिससे यह साफ पता चलेगा कि दस्तावेज विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया है। इतना ही नहीं, इसके लिए विशेष प्रकार का कागज इस्तेमाल किया जाएगा, जो आसानी से फाड़ा या काटा नहीं जा सकेगा। विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया है कि नई अंकसूची पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि उच्च गुणवत्ता वाला प्रिंट और सिक्योरिटी फीचर सुनिश्चित किए जा सकें।
2020-21 सत्र के बाद से एनईपी के तहत दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) और अपार आइडी बन चुका है। अब विश्वविद्यालय इन छात्रों की अंकसूची सीधे डिजी लाकर में अपलोड करने की तैयारी कर रहा है। इस व्यवस्था से छात्रों को अपने दस्तावेज़ कभी भी आनलाइन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी और किसी तरह की भौतिक प्रति की आवश्यकता नहीं होगी।
अंकों की जगह क्रेडिट सिस्टम
एनईपी पाठ्यक्रम के छात्रों को अब परीक्षा में अंकों की जगह क्रेडिट दिए जाते हैं। इस सिस्टम के लिए डीएवीवी पहले ही नया सॉफ्टवेयर तैयार कर चुका है। इसी आधार पर अंकसूची का नया प्रारूप भी तैयार किया गया है। नई अंकसूची आने के बाद डीएवीवी प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बन जाएगा, जो एनईपी के अनुरूप पूरी तरह डिजिटल, सुरक्षित और आधुनिक अंकसूची जारी करेगा। इससे छात्रों की पहचान और डिग्री की प्रामाणिकता दोनों मजबूत होंगी।
अंकसूची में नए चार सिक्योरिटी फीचर होंगे। साथ ही कागज की क्वालिटी में भी सुधार किया जाएगा। नई अंकसूची के लिए टेंडर निकालेंगे। वैसे इसके लिए समिति प्रस्ताव बना रही है। यह अगली कार्यपरिषद में रखा जाएगा। - डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएवीवी