-1762680538722.webp)
एजेंसी, भागलपुर। भागलपुर विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प और कांटे का हो गया है। विक्रमशिला सेतु पार करते ही शुरू होने वाला यह क्षेत्र शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों का मिश्रण है। कांग्रेस नेता अजीत शर्मा लगातार तीन बार यहां से जीतते आ रहे हैं, जबकि भाजपा ने फिर से रोहित पांडे को मैदान में उतारा है। दोनों ही दल पूरे दमखम से चुनाव मैदान में हैं।
कांग्रेस को यहां संगठनात्मक मजबूती और पुराने वोट बैंक का लाभ मिल रहा है, जबकि भाजपा पिछली हार के बाद अब रणनीतिक रूप से पूरी ताकत झोंक रही है। ग्रामीण इलाकों में कोर वोटर स्थिर हैं, लेकिन शहरी मतदाताओं में रुझान बदलते दिख रहे हैं।
बरारी के यादव बहुल इलाके में कुछ महिलाओं ने कहा - “चुनाव अजीत शर्मा और मोदी सरकार के बीच है।” वहीं युवाओं में बेरोजगारी और महंगाई की चर्चा प्रमुख रही। तिलकामांझी चौक और सैंडिस कंपाउंड पर युवा पीढ़ी तेजस्वी यादव के रोजगार वाले वादे पर चर्चा कर रही थी, लेकिन कईयों ने भाजपा को “बेहतर विकल्प” बताया।
बुजुर्ग मतदाताओं में प्रधानमंत्री मोदी की रैली की गूंज थी। उनका मानना है कि शहर में अब बदलाव की बयार है और “नए को मौका देने से विकास की रफ्तार बढ़ेगी।” वहीं कुछ मतदाता नीतीश सरकार के काम सड़क, बिजली और सुरक्षा को लेकर भी संतुष्ट दिखे।
भागलपुर का चुनाव अब जातीय समीकरणों से आगे बढ़कर विकास, रोजगार और स्थानीय मुद्दों पर टिक गया है। दोनों ही दल अपने-अपने समर्थक समूहों को साधने में जुटे हैं, जबकि मतदाता शहरी विकास और अवसरों के बीच संतुलन तलाश रहे हैं।
इसे भी पढ़ें... Bihar VidhanSabha Chunav के बाद इन लोगों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई, पुलिस ने बनाया पूरा प्लान