
नईदुनिया: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Chunav 2025 Result Date) का माहौल अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 6 और 11 नवंबर को मतदान पूरा होने के बाद 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। उससे पहले 11 नवंबर की शाम विभिन्न सर्वे एजेंसियां अपने एग्जिट पोल (Exit Poll) जारी करेंगी, जिनसे यह अनुमान लगाया जाएगा कि राज्य में किस पार्टी की सरकार बन सकती है।

एग्जिट पोल एक प्रकार का चुनावी सर्वे होता है, जो मतदान के दिन किया जाता है। जब मतदाता मतदान कर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है, तो सर्वे एजेंसियों के प्रतिनिधि उससे पूछते हैं कि उसने किसे वोट दिया। इन आंकड़ों के आधार पर गणितीय मॉडल तैयार कर अनुमान लगाया जाता है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं। एग्जिट पोल के नतीजे मतदान खत्म होने के बाद ही जारी किए जाते हैं।
कितने लोगों से पूछा जाता है सवाल?
एक सटीक एग्जिट पोल के लिए एजेंसियां 30 हजार से लेकर 1 लाख वोटर्स तक से बातचीत करती हैं। सर्वे में हर वर्ग, जाति, और क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाता है ताकि नतीजे संतुलित और विश्वसनीय हों।
ओपिनियन पोल क्या है? (Opinion Polls)
ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराया जाने वाला सर्वे है। इसमें आम जनता की राय ली जाती है, चाहे वह मतदाता हो या नहीं। इसमें पूछा जाता है कि लोग सरकार के काम से खुश हैं या नाराज़, और आने वाले चुनाव में क्या रुझान बन सकता है।
यह जनता के मूड और मुद्दों का अनुमान लगाने की कोशिश होती है।
दोनों में क्या है अंतर?
| पहलू | ओपिनियन पोल | एग्जिट पोल |
| समय | चुनाव से पहले | मतदान के बाद |
| प्रतिभागी | आम जनता | केवल मतदाता |
| उद्देश्य | जनभावना जानना | मतदान रुझान समझना |
| विश्वसनीयता | अनुमान आधारित | वास्तविक वोट पर आधारित |
| प्रसारण | चुनाव से पहले | मतदान खत्म होने के बाद |
ओपिनियन पोल का इतिहास:
एग्जिट पोल का इतिहास
ये एजेंसियां कराती हैं एग्जिट पोल सर्वे