
डिजिटल डेस्क। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जोर-शोर से बिहार के विधानसभा चुनाव में उतरी थी। हालांकि जब जब रिजल्ट आया तो उसको मिल रहे जमीनी समर्थन की कलई खुल गई। पार्टी यहां एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो सकी। इस करारी हार के बाद पार्टी ने कहा कि एनडीए की जीत में महिलाओं के खातों में हस्तांतरित राशि का योगदान रहा। चुनाव नतीजों के बाद प्रशांत किशोर के राजनीति छोड़ने के सवाल पर पार्टी से सवाल किया गया, जिसके जवाब में पार्टी ने यह सवाल उनसे ही पूछने की बात कही।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा, ''आपको यह सवाल किशोर से ही पूछना चाहिए।'' बता दें कि प्रशांत किशोर ने पहले दावा किया था कि अगर नीतीश कुमार की जेडीयू 25 से ज्यादा सीट जीतती है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। हालांकि जेडीयू को कुल 85 सीटें मिलीं।
जन सुराज का कहना है कि एनडीए की जीत में महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की गई रकम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, "हम विधानसभा चुनाव के नतीजों से निराश हैं, लेकिन परेशान नहीं हैं। हालांकि हमें एक भी सीट नहीं मिली है, फिर भी हम सत्तारूढ़ एनडीए का विरोध करते रहेंगे।"
उन्होंने कहा कि पार्टी बिहार में मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में कामयाब नहीं हो पाई। उन्होंने बताया, "जनादेश यह भी साबित करता है कि लोग राजद की वापसी नहीं चाहते थे।" उन्होंने दावा किया कि बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार की ओर से महिलाओं के खातों में 40,000 करोड़ रुपये के नकद हस्तांतरण ने उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का भी जिक्र किया, जिसके तहत राज्य की महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये भेजे गए। उन्होंने आरोप लगाया, "यह सरकार की ओर से चुनाव से पहले लोगों को रिश्वत देने की एक कोशिश थी। वोट खरीदे गए। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी नकद लाभ ट्रांसफर किए गए। अब हम यह देखना चाहते हैं कि सरकार राज्य की महिलाओं के खातों में शेष 2 लाख रुपये कैसे ट्रांसफर करती है।"