टीकमगढ़ (नईदुनिया प्रतिनिधि)। खरगापुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराने के बाद पूरे दिन रिटर्निंग आफिसर के समक्ष सुनवाई हुई। इसमें भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी की तरफ से अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क रखे। देर शाम तक बहस के बाद कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया।
रिटर्निंग आफिसर ने फैसला फिलहाल सुरक्षित रखा है। कांग्रेस की ओर से लगाई गई आपत्ति में लोधी के निर्वाचन शून्य होने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिली सशर्त राहत का जिक्र किया गया है।
गौरतलब है कि खरगापुर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी के नामांकन के विरोध में 31 अक्टूबर को कांग्रेस प्रत्याशी चंदा सुरेंद्र सिंह गौर की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई। बुधवार सुबह 11 बजे खरगापुर विधानसभा के रिटर्निंग ऑफिसर विजय कुमार सेन के समक्ष सुनवाई शुरू हुई।
आपत्तिकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी चंदा सुरेंद्र सिंह गौर के अधिवक्ता नेत्र प्रकाश शुक्ला ने अपना पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट से आए अधिवक्ता माधवेंद्र सिंह भी कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से मौजूद रहे। फिलहाल नामांकन स्वीकार नहीं किया गया है। निर्वाचन आयोग की बेबसाइट पर यह नामांकन जमा करने तक ही सीमित दिख रहा है।
अधिवक्ता नेत्रप्रकाश शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2022 में हाइकोर्ट की तरफ से प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी की विधायकी को शून्य घोषित कर दिया था। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां से आदेश पर स्टे मिला था।
अधिवक्ता माधवेंद्र सिंह ने बताया कि राहुल सिंह लोधी की विधानसभा सदस्यता शून्य घोषित करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कंडीशनल राहत दी थी। इसी को आधार बनाकर उनके नामांकन दाखिले के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई गई है।
मामले में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी की तरफ से पक्ष रखने पहुंचे अधिवक्ता राजेंद्र सिंह बुंदेला और अनिल त्रिपाठी ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से लगाई गई आपत्तियों का जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है। कोई खास आपत्ति नहीं है, जो आपत्ति लगाई गई है, वह निराधार है।