Jagdeep Dies : बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन और सूरमा भोपाली Soorma Bhopali के नाम से लोकप्रिय जगदीप Jagdeep का आज निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। पिछले कुछ समय से वे बीमार थे। बुधवार शाम उन्होंने आखिरी सांस ली। उन्हें गुरुवार को मुंबई में सुपुर्दे खाक किया जाएगा। जगदीप के निधन की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर सूरमा भोपाली का नाम बरबस लोगों की जुबान पर हो आया है। उनके परिवार और बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। हर कोई उनके जाने के गम में दुखी है। 400 से अधिक फिल्मों में काम करने वाले जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था। जगदीप को 2019 में आइफा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र अभिनीत फिल्म 'शोले' में सोरमा भोपाली की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था। बॉलीवुड अभिनेता जावेद जाफ़री और टीवी निर्माता नावेद जाफ़री जगदीप के बेटे हैं। उनके निधन पर अजय देवगन ने Tweet करते हुए लिखा कि उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्हें स्क्रीन पर देखकर हमेश एंज्वाय करता था। उन्होंने दर्शकों के चेहरे पर बहुत सारी मुस्कान बिखेरी।
उनका जन्म 29 मार्च 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में हुआ था। जगदीप ने अपने पांच दशक के करियर में चार सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बाल कलाकार के तौर पर बी आर चोपड़ा की फिल्म अफसाना से की थी। बिमल रॉय की फिल्म दो बीघा जमीन (1953) से उन्होंने बतौर सपोर्टिंंग एक्टर अपने करियर का आगाज किया था। उन्होंने ज्यादातर कॉमेडी किरदार निभाए। हालांकि कुछ हॉरर फिल्मों पुराना मंदिर और सामरी में भी काम किया था। उन्होंने फिल्म सूरमा भोपाली का निर्देशन भी किया था।
ऐसे बने जगदीप सूरमा भोपाली
एक इंटरव्यू में जगदीप ने कहा था यह बड़ा लंबा और दिलचस्प किस्सा है। सलीम खान और जावेद अख्तर की फिल्म थी सरहदी लुटेरा। उसमें उन्होंने कॉमेडियन का किरदार निभाया था। फिल्म के डायलॉग बहुत बड़े थे। उन्होंने फिल्म के निर्देशक एस एम सागर से कहा कि डायलॉग बहुत बड़े हैं। उन्होंने लेखकों से उस संबंध में बात करने को कहा। बहरहाल, सलीम के साथ बैठने पर उन्होंने खास लहजे में बात की। जगदीप ने कहा ये उन्होंने कभी नहीं सुना। इस पर सलीम ने कहा कि ये भोपाल की औरतों का लहजा है। वो इसी तरह बात करती हैं। उन्होंने कहा कि मुझे भी सिखाओ। इस वाकये के 20 साल बीत जाने के बाद फिल्म शोले शुरू हुई। उन्हें लगा कि शूटिंग के लिए बुलाया जाएगा लेकिन वैसा हुआ नहीं। एक दिन रमेश सिप्पी का फोन उनके पास आया। उन्होंने कहा कि शोले में काम करना है। यह सुनकर जगदीप ने कहा कि उसकी तो शूटिंग तो पूरी हो गई। यह सुनकर उन्होंने कहा कि नहीं ये सीन असली है इसकी शूटिंग अभी बाकी है। वहीं से वह सूरमा भोपाली के तौर पर विख्यात हुए।
फिल्मों में ऐसे आना हुआ, संवाद बोलने पर मिले दोगुने पैसे
विभाजन के दौरान उनका परिवार मुंबई आ गया थाा। 6-7 साल के थे। पिता के निधन के बाद मां ने परवरिश की थी। दूसरे बच्चों को काम करता देख उन्हें ख्याल आया कि उन्हें अपनी मां का हाथ बंटाना चाहिए। मां से पढ़ाई छोड़ने की बात की। मां ने समझाया, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने काम करना शुरू किया, पतंगें बनाने और साबुन बेचने लगे। जिस सड़क पर वह काम करते थे, वहां एक शख्स आया जो फिल्म के लिए बच्चे ढूंढ़ रहा था। जब उसने जगदीप को पूछा कि फिल्मों में काम करोगे, तो उन्होंने पूछा था कि यह क्या होता है, क्योंकि फिल्में कभी देखी नहीं थी। शख्स ने बताया अभिनय करना होगा, जिसके बदले तीन रुपये मिलेंगे। तीन रुपये सुनते ही वह तैयार हो गए। स्टूडियो में मां के साथ पहुंचे तो एक सीन में उन्हें बच्चों में बैठना है, जो नाटक देख रहे है। वहां एक उर्दू का डायलॉग था, जो कोई बच्चा नहीं बोल पा रहा था। उन्होंने बगल में बैठे बच्चे से पूछा अगर मैं यह डायलॉग बोल दूं तो, तब उस बच्चे ने कहा कि तुम्हें छह रुपये मिल जाएंगे। उन्होंने डायलाग बोले। फिल्म थी अफसाना, जिसके डायरेक्टर थे बी आर चोपड़ा और असिस्टेंट डायरेक्टर थे यश चोपड़ा
जगदीप की खास बातें
असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था। बॉलीवुड ने उन्हें जगदीप नाम दिया।
- बी आर चोपड़ा की फिल्म अफसाना से उन्होंने बतौर एक्सट्रा चाइल्ड आर्टिंस्ट काम किया था।
- भाभी, बरखा जैसी फिल्मों में उन्होंने हीरो की भूमिका निभाई थी।
- वर्ष 1968 में रिलीज हुई फिल्म ब्रह्माचारी से उन्होंने कॉमेडियन के तौर पर खुद को स्थापित किया।
- वर्ष 1975 में रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म शोले में सूरमा भोपाली ने शोहत दी।
देखिये सूरमा भोपाली का निराला अंदाज़
फिल्मी हस्तियों ने ऐसे किया याद
मेरी पहली फिल्म और मैंने पहली बार कैमरे का सामना फिल्म "ये रिश्ता ना टूटे में" जगदीप भाई जैसे लीजेंड के साथ किया था। हम आपको बहुत याद करेंगे। उनकी आत्मा को शांति मिले। हमारी प्रार्थना और संवेदनाएं परिवार के साथ हैं।
- जॉनी लीवर, हास्य अभिनेता
आपकी आत्मा को शांति मिले जगदीप साहब। बचपन में मैंने जो तमाम फिल्में और परफॉर्मेंस देखी हैं, उन तमाम यादों के लिए शुक्रिया। हम सब आपको याद करेंगे। परिवार के प्रति संवेदनाएं।
- मनोज बाजपेयी, अभिनेता
एक और सितारा जमीन से आसमान में जा पहुंचा। जगदीप साहब हिंदी फिल्म जगत के एक बहुत ही बेहतरीन कलाकार थे। एक हास्य अभिनेता के नाते उनका कोई सानी नहीं था। एक पार्टी में बहुत साल पहले उन्होंने मुझसे कहा था, बरखुरदार! हंसना आसान है, हंसाना बहुत मुश्किल है। आपकी कमी बहुत खलेगी।
- अनुपम खेर, अभिनेता