
एंटरटेनमेंट डेस्क। 90 के दशक में बॉलीवुड में कई ऐसे चेहरे थे जो अपनी मासूमियत और चॉकलेटी लुक्स से दर्शकों के दिलों में बस गए। लेकिन वक्त के साथ ये सितारे धीरे-धीरे पर्दे से गायब होते चले गए।
ऐसे ही एक एक्टर हैं हरीश कुमार (Harish Kumar), जिन्होंने गोविंदा (Govinda) जैसे सुपरस्टार के साथ कई हिट फिल्मों में काम किया, लेकिन एक हादसे ने उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी।

हरीश कुमार 90s के दौर में बॉलीवुड के चॉकलेटी हीरो के तौर पर जाने जाते थे। उन्होंने करिश्मा कपूर के साथ फिल्म प्रेम कैदी से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जो सुपरहिट साबित हुई।
इसके बाद उन्होंने तिरंगा, कुली नंबर-1, आंटी नंबर-1, न्यादाता और बुलंदी जैसी फिल्मों में काम किया। उस दौर में उन्हें सलमान खान और शाहरुख खान जैसे सितारों की टक्कर का एक्टर माना जाता था।

लेकिन किस्मत ने उनके साथ कुछ और ही लिखा था। एक इंटरव्यू में हरीश ने बताया था कि एक हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी (Spine) में गंभीर चोट आई और उन्हें स्लिप डिस्क की समस्या हो गई। हालत इतनी खराब थी कि वे बिस्तर से उठकर बाथरूम तक नहीं जा पाते थे। डॉक्टरों ने उन्हें लंबे समय तक बेड रेस्ट की सलाह दी। यही वजह रही कि उन्हें अपने पीक करियर के वक्त ही एक्टिंग से संन्यास लेना पड़ा।

आज हरीश कुमार लाइमलाइट से दूर मुंबई में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने साल 1995 में संगीता चुघ से शादी की थी। उनके दो बेटे हैं - सागर राव और शिवम। हालांकि उन्होंने एक्टिंग से दूरी बना ली है, लेकिन वे अब भी लेखक और प्रोड्यूसर के तौर पर इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं।

हरीश कुमार का फिल्मी सफर बचपन से ही शुरू हो गया था। हिंदी फिल्मों में आने से पहले वे साउथ इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कई फिल्मों में नजर आ चुके थे। धीरे-धीरे उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाई, लेकिन एक हादसे ने उनकी रफ्तार थाम दी। भले ही आज हरीश पर्दे से दूर हैं, लेकिन 90s के सिनेप्रेमियों के लिए वे अब भी उस दौर के सबसे यादगार ‘चॉकलेटी ब्वॉय’ बने हुए हैं।