एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड में अक्सर यह सवाल उठता है कि करोड़ों की कमाई करने के बावजूद कोई फिल्म फ्लॉप कैसे हो जाती है। सम्राट पृथ्वीराज, बच्चन पांडे और रनवे 34 जैसी बड़ी फिल्मों का यही हाल हुआ।
करोड़ों का बिज़नेस करने के बाद भी ये हिट नहीं मानी गईं। दरअसल, इसके पीछे बॉक्स ऑफिस का एक खास गणित काम करता है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
किसी भी फिल्म की कुल लागत तीन हिस्सों से मिलकर बनती है-
1. मेकिंग कॉस्ट (फिल्म बनाने का खर्च)
2. प्रोडक्शन कॉस्ट (तकनीकी और अन्य खर्च)
3. प्रमोशन और मार्केटिंग खर्च
मान लीजिए किसी फिल्म की कुल लागत 100 करोड़ है, तो उम्मीद की जाती है कि पहले ही दिन यह लागत का लगभग 20% यानी 20 करोड़ रुपए कमा ले। अगर शुरुआत कमजोर रही तो आगे चलकर फिल्म के लिए मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
किसी फिल्म को हिट कहलाने के लिए उसे अपनी लागत से कम से कम 50% ज्यादा कमाई करनी होती है। यानी 100 करोड़ की बनी फिल्म को हिट कहलाने के लिए बॉक्स ऑफिस पर लगभग 150 करोड़ का बिज़नेस करना होगा। हालांकि, आजकल फिल्मों के डिजिटल राइट्स और सैटेलाइट राइट्स रिलीज से पहले ही बिक जाते हैं, जिससे प्रोड्यूसर्स को थिएटर कलेक्शन के अलावा OTT और टीवी से भी मुनाफा हो जाता है।
फिल्म रिलीज से पहले देशभर के 14 सर्किट्स में डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास पहुंचती है। इसके बाद यह तय होता है कि फिल्म कितने सिनेमाघरों और कितनी स्क्रीन पर रिलीज होगी। यही से बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का खेल शुरू होता है।
अक्सर रिपोर्ट्स में नेट कलेक्शन और ग्रॉस कलेक्शन की बात होती है। दोनों में बड़ा अंतर है-