डिजिटल डेस्क। हर साल 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस बड़े गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है। इस दिन का जश्न सिर्फ झंडा फहराने तक सीमित नहीं होता, बल्कि देशभक्ति के जज़्बे को भी भरपूर तरीके से महसूस किया जाता है। इस मौके पर देशभक्ति गीत (Desh Bhakti Songs) एक अलग ही ऊर्जा भर देते हैं।
चाहे स्कूल की परेड हो, ऑफिस का सेलिब्रेशन या घर पर फैमिली के साथ मनाया गया दिन ये देशभक्ति गाने (Independence Day Songs) हर माहौल को जोश और भावनाओं से भर देते हैं। यहां हम आपके लिए लाए हैं टॉप देशभक्ति गीतों की लिस्ट जो स्वतंत्रता दिवस 2025 को और भी खास बना देंगे।
आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम…
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में यहां निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से…ये है
अपना राजपूताना नाज इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आजादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहां हजारों पद्मिनियां अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की
इस मिट्टी से…
देखो मुल्क मराठों का ये यहां शिवाजी डोला था
मुगलों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
घेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से…
जलियांवाला बाग ये देखो यहीं चली थी गोलियां
ये मत पूछो किसने खेली यहां खून की होलियां
एक तरफ बंदूकें दन दन, एक तरफ थी टोलियां
मरनेवाले बोल रहे थे इनकलाब की बोलियां
यहां लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से…
ये देखो बंगाल, यहां का हर चप्पा हरियाला है
यहां का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने, भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से…
संदेशे आते हैं
संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है, ये हमसे पूछा है
किसी की सांसों ने, किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने
अकेली रातों में, अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
संदेसे आते हैं …
मोहब्बत वालों ने, हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है कि हमसे पूछा है
हमारे गांवों ने, आम की छांवों ने
पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने
खेत खलियानों ने, हरे मैदानों ने
बसंती मेलों ने, झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने, दहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने और पूछा है गांव की गलियों ने
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन गांव सूना सूना है
संदेसे आते हैं …
कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के, खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का, वो टीका काजल का
वो लोरी रातों में, वो नरमी हाथों में
वो चाहत आंखों में, वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से, मोहब्बत अंदर से करे वो देवी मां
यही हर खत में पूछे मेरी मां
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन आंगन सूना सूना है
ऐ गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गांव जा, मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गांव में है जो वो गली
जहां रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी मां
मेरी मां के पैरों को छूं के तू उसे उसके बेटे का नाम दे
ऐ गुजरनेवाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों मेरी दिलरुबा मेरी मां को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे
मैं वापस आऊंगा फिर अपने गांव में
उसी की छांव में, के मां के आंचल से
गांव की पीपल से किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा।
दिल दिया है जान भी देंगे
मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं, मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे
ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा
तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है
हम जिऐंगे और मरेंगे
ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
हमवतन, हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्ज़ाम है
हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे
तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लुट रहे हैं आप वो अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेख़बर अपने लहू से होलियां
हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे
कर चले हम फिदा
कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों - 2
सांस थमती गई नब्ज जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते मरते रहा बांकापन साथियों, अब तुम्हारे …
ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूं में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों, अब तुम्हारे …
राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये क़ाफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बांध लो अपने सर से कफ़न साथियों, अब तुम्हारे …
खींच दो अपने खून से जमीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाये न रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये न सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों, अब तुम्हारे …
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती..
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती…
आ आ आ आ
ओ ओ ओ ओ..
बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं
जीवन का राग सुनाते हैं
गम कोसों दूर हो जाता है खुशियों के कँवल मुसकाते है
खुशियों के कंवल मुसकाते है
ओ ओ..
सुन के राहत की आवाजें
सुन के राहत की आवाजें यूं लगे कहीं शहनाई बजे
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे आते ही मस्त बहारों के
दुल्हन की तरह हर खेत सजे
दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती…
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती..
मेरे देश की धरती…
मेरे देश की धरती…
जब चलते हैं इस धरती पे हल
ममता अंगड़ाइयां लेती है
ममता अंगड़ाइयां लेती है
क्यों ना पूजे इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
जो जीवन का सुख देती है
ओ ओ..
इस धरती पे जिसने जन्म लिया
इस धरती पे जिसने जन्म लिया
उसने ही पाया प्यार तेरा
उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोइ नहीं यहाँ अपना पराया कोइ नहीं
है सब पे माँ, उपकार तेरा – है सब पे मां, उपकार तेरा
मेरे देश की धरती…
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती..
मेरे देश की धरती…
ये बाग है गौतम नानक का
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक
ऐसे हैं चमन के फूल यहां
ऐसे हैं चमन के फूल यहां
रंग हरा हरी सिंह नलवे से
रंग लाल है लाल बहादूर से
रंग लाल है लाल बहादूर से
रंग बना बसन्ती भगत सिंह
रंग बना बसन्ती भगत सिंह
रंग अमन का वीर जवाहर से
रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती…
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती..
मेरे देश की धरती…
मेरे देश की धरती……
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती….