एंटरटेनमेंट डेस्क। भारतीय सिनेमा के लीजेंडरी गायक मुकेश ने अपनी मखमली आवाज से करोड़ों दिलों को छुआ है। भले ही आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाए नगमे आज भी उसी शिद्दत से सुने और महसूस किए जाते हैं।
ऐसे ही एक कल्ट रोमांटिक सॉन्ग की बात करें, तो मनोज कुमार और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया एक गाना आज भी लाखों दिलों की धड़कन बना हुआ है।
एंटरटेनमेंट डेस्क। साल 1967 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म 'पत्थर के सनम' का ये गीत - 'महबूब मेरे तू है दुनिया...' - आज भी पुराने गीतों की प्लेलिस्ट में टॉप पर रहता है। मुकेश और लता मंगेशकर की युगल आवाज़ में सजी इस धड़कते नगमे को लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने संगीतबद्ध किया था और इसके बोल लिखे थे मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी ने।
इस गाने की खासियत सिर्फ इसकी मेलोडी ही नहीं, बल्कि वो इमोशन और मासूमियत है, जो आज के दौर में कम ही सुनाई देती है। गाने को सुनते ही एक गहरा रोमांटिक एहसास दिल में उतर जाता है, और अपने खास किसी की याद बरबस आने लगती है।
मुकेश ने अपने 36 साल लंबे सिंगिंग करियर में करीब 1000 से ज्यादा गाने गाए। शुरुआत उन्होंने अभिनेता बनने के इरादे से की थी, लेकिन कुछ फिल्में करने के बाद उन्हें समझ आया कि उनकी असली पहचान उनकी आवाज़ है। फिर उन्होंने प्लेबैक सिंगिंग को ही अपना रास्ता बनाया - और बाकी इतिहास बन गया।
उन्होंने राज कपूर, देवानंद, मनोज कुमार जैसे बड़े सितारों को अपनी आवाज दी। हर एक गीत में उन्होंने ऐसा जादू घोला कि आज भी लोग उन्हें भावनाओं की गहराई में डूबकर सुनते हैं।
'महबूब मेरे' सिर्फ एक गाना नहीं, एक भावना है, जो आज भी प्रेमी दिलों को एक कर देता है। चाहे वो बीते ज़माने के सिनेप्रेमी हों या आज की पीढ़ी - इस गीत की सरलता, मिठास और मेलोडी सबको छू जाती है। यही वजह है कि 58 साल बाद भी यह गीत उतना ही ताजा लगता है, जितना तब था।
अगर आप भी उन लोगों में हैं जिन्हें पुराने गानों से प्यार है, तो यकीनन मुकेश और लता मंगेशकर का ये कालजयी गीत आपकी प्लेलिस्ट में शामिल होना ही चाहिए। एक बार फिर से सुनिए - 'महबूब मेरे तू है दुनिया...' - और खो जाइए उस सुनहरी दुनिया में, जहां प्यार सिर्फ एहसास था, दिखावा नहीं।