एंटरटेनमेंट डेस्क। असम के मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान निधन हो गया। 52 साल के जुबीन के अचानक चले जाने से पूरे असम में गम का माहौल है। उनका जाना म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है।
जुबीन ने न सिर्फ असमी, बल्कि हिंदी, तमिल, तेलुगु और बंगाली जैसी भाषाओं में भी गाने गाए। साल 2006 की फिल्म गैंगस्टर का गाना ‘या अली’ उन्हें रातोंरात स्टार बना गया था। इसके बाद उन्होंने कई हिट गाने दिए जो आज भी लोगों की प्लेलिस्ट का हिस्सा हैं।
जानकारी के मुताबिक, जुबीन किसी इवेंट के लिए सिंगापुर पहुंचे थे। इसी दौरान स्कूबा डाइविंग करते वक्त हादसा हो गया। सिंगापुर पुलिस ने तुरंत उन्हें पानी से बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
जुबीन गर्ग का यह गाना आज भी म्यूजिक प्रेमियों के बीच सबसे ज्यादा सुना जाता है। इस गाने ने उन्हें रातोंरात बॉलीवुड का सुपरस्टार सिंगर बना दिया।
हृदय छू लेने वाला यह रोमांटिक ट्रैक जुबीन की आवाज में और खूबसूरत हो गया।
यह गाना यंग जनरेशन में काफी फेमस हुआ था और इसके बाद जुबीन की अलग ही पहचान बन गई।
जुबीन की आवाज में यह रोमांटिक गाना दिल को छू लेने वाला है।
इस देशभक्ति एंथम के नए वर्जन में जुबीन गर्ग ने भी अपनी आवाज दी थी, जो बेहद पसंद किया गया।
जुबीन ने इस क्लासिक गाने को नए अंदाज में गाया, जिसे श्रोताओं ने काफी सराहा।
गैंगस्टर के दूसरे गानों में भी उनकी झलक सुनाई देती है, जिसने फिल्म के म्यूजिक को और खास बनाया।
इस रोमांटिक ट्रैक में जुबीन ने अपनी प्यारी आवाज से खास छाप छोड़ी।
उनके कुछ गाने रिलीज नहीं हो पाए, लेकिन जो भी सामने आए, उन्होंने दिलों को जीत लिया।
जुबीन ने फिल्मों के अलावा कई इंडिपेंडेंट एल्बम्स में भी अपनी आवाज़ दी। इन गानों ने उन्हें सच्चे म्यूजिक लवर के दिलों में जगह दिलाई।
जुबीन गर्ग के निधन की खबर फैलते ही असम में शोक की लहर दौड़ गई। गोलाघाट और विश्वनाथ समेत कई जगहों पर उनके फैंस सड़कों पर उतर आए। अखिल असम छात्र संघ (AASU) ने विश्वनाथ में एक विशाल जुलूस निकाला, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए और अपने प्रिय गायक को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान फैंस हाथों में पोस्टर लेकर 'ज़ुबीन दा अमर रहें' और 'जॉय ज़ुबीन दा' के नारे लगाते नजर आए। सम्मान के रूप में कस्बे के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी 24 घंटे के लिए बंद रहे।
सोशल मीडिया पर जुबीन गर्ग के फैंस और करीबियों ने इमोशनल पोस्ट शेयर किए। कई वीडियो सामने आए, जिनमें लोग सड़कों पर रोते-बिलखते और पोस्टर उठाए नजर आए।
जुबीन गर्ग 20 सितंबर को आयोजित चौथे पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले थे। लेकिन उससे ठीक एक दिन पहले उनकी असमय मौत की खबर ने हर किसी को सदमे में डाल दिया।