
‘हक़’ की जबरदस्त वर्ड-ऑफ़-माउथ जीत के बाद—जहाँ यामी गौतम और इमरान हाशमी की परफ़ॉर्मेंस और फ़िल्म की इमोशनल सच्चाई ने दर्शकों का दिल जीता—निर्देशक सुपर्ण एस वर्मा अब एक और चर्चित फ़िल्म के सपोर्ट में आगे आए हैं। हक़ अभी भी थिएटर्स में खूब तारीफ़ बटोर रही है, और इसी बीच सुपर्ण खुले तौर पर अदित्य धर के साथ खड़े नज़र आए हैं, जिन्हें ‘धुरंधर’ की हिंसा को लेकर ऑनलाइन आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
सुपर्ण ने सीधे इंडस्ट्री की एक पुरानी कमज़ोरी पर उंगली रखी—भारतीय फ़िल्मों को अक्सर विदेशी फ़िल्मों के मुकाबले ज़्यादा कठोरता से जज किया जाता है। जैसे ही ‘धुरंधर’ रिलीज़ के लिए तैयार खड़ी है, सुपर्ण की साफ राय है कि अब ये पक्षपात खत्म होना चाहिए। उनका मानना है कि जब हम अपने कहानीकारों पर वही भरोसा दिखाते हैं जो कोरियन, जापानी या हॉलीवुड सिनेमा पर दिखाते हैं, तब हमारे फ़िल्ममेकर भी उतना ही दमदार, इंटरनेशनल-क्लास कंटेंट देते हैं।
“#Dhurandhar की हिंसा पर जो बातें हो रही हैं, वो देखकर हैरानी होती है। यही चीज़ अगर किसी और भाषा की फ़िल्म या कोरियन-जापानी सिनेमा में होती, तो लोग उसे ‘सिनेमैटिक ब्रिलियंस’ कहते। अब वक़्त आ गया है कि हम हिंदी सिनेमा और उसके फ़िल्ममेकर्स को उसी जुनून से सेलिब्रेट करें, जैसे बाकी सबको करते हैं।
हर फ़िल्ममेकर अपनी यूनिक आवाज़, पहचान और बैकग्राउंड लेकर आता है—और @adityadharfilms और उनकी टीम ने जो दुनिया और कैरेक्टर्स बनाए हैं, उन्होंने मुझे सच में हैरान कर दिया!”
हक़ की सफलता के बाद सुपर्ण की क्रेडिबिलिटी और भी मजबूत हुई है, और अब वे कई टॉप स्टूडियोज़, बड़े प्रोड्यूसर्स और प्रमुख एक्टर्स के साथ बातचीत में हैं—जिससे उनकी आने वाली फिल्मों का स्केल और भी बड़ा होने वाला है।